जयपुर। राजस्थान की राज्यपाल माग्रेट आल्वा का प्रदेश में मंगलवार को कार्यकाल पूरा हो गया।
आल्वा की जगह उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
प्रदेश में स्थाई व्यवस्था होने तक नाइक अपने दायित्व के साथ राजस्थान के राज्यपाल पद का भी कामकाज भी देखेंगे।
आल्वा ने राजभवन में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने कर्नाटक में रहते हुए पांचवीं तक कन्नड़ भाषा ही पढ़ी। अंग्रेजी भी छठी से पढ़ना शुरू किया।
जब मैं राजस्थान आई थी तो हिंदी नहीं जानती थी। आज हिंदी अच्छी हो गई है। उन्होंने कहा कि हिंदी और कन्नड़ के साथ कोंकणी, तमिल और अंग्रेजी पर कमांड हासिल कर लिया है।
राज्यपाल आल्वा ने कहा कि गहलोत और वसुंधरा राजे सरकार के साथ काम करने का मौका मिला। आल्वा ने कहा कि दोनों सरकारों में मुझे काम करने में मजा आया।
आल्वा ने 12 मई 2012 को राजस्थान के राज्यपाल के पद की शपथ ली थी, इससे पहले वो उत्तराखंड की राज्यपाल थी। आल्वा को दोपहर को रामबाग पैलेस होटल में राजकीय भोज दिया गया।
शाम चार बजे गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए एयरपोर्ट से विदाई दी गई। इससे पहले राज्यपाल आल्वा ने प्रदेश में कार्यकाल के अंतिम दिन सुबह सामान्य दिनों की तरह शुरूआत की। सुबह प्रार्थना करने के बाद राजभवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से चर्चा की। अधिकांश समय परिजनों के साथ ही बिताया। -
आल्वा की जगह उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
प्रदेश में स्थाई व्यवस्था होने तक नाइक अपने दायित्व के साथ राजस्थान के राज्यपाल पद का भी कामकाज भी देखेंगे।
आल्वा ने राजभवन में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने कर्नाटक में रहते हुए पांचवीं तक कन्नड़ भाषा ही पढ़ी। अंग्रेजी भी छठी से पढ़ना शुरू किया।
जब मैं राजस्थान आई थी तो हिंदी नहीं जानती थी। आज हिंदी अच्छी हो गई है। उन्होंने कहा कि हिंदी और कन्नड़ के साथ कोंकणी, तमिल और अंग्रेजी पर कमांड हासिल कर लिया है।
राज्यपाल आल्वा ने कहा कि गहलोत और वसुंधरा राजे सरकार के साथ काम करने का मौका मिला। आल्वा ने कहा कि दोनों सरकारों में मुझे काम करने में मजा आया।
आल्वा ने 12 मई 2012 को राजस्थान के राज्यपाल के पद की शपथ ली थी, इससे पहले वो उत्तराखंड की राज्यपाल थी। आल्वा को दोपहर को रामबाग पैलेस होटल में राजकीय भोज दिया गया।
शाम चार बजे गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए एयरपोर्ट से विदाई दी गई। इससे पहले राज्यपाल आल्वा ने प्रदेश में कार्यकाल के अंतिम दिन सुबह सामान्य दिनों की तरह शुरूआत की। सुबह प्रार्थना करने के बाद राजभवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से चर्चा की। अधिकांश समय परिजनों के साथ ही बिताया। -
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