त्रिवेंद्रम। केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ सरकार ने प्रदेश में पूरी तरह से शराब पर निषेधाज्ञा लागू करने का फैसला किया है। प्रदेश के सभी बार अगले साल बंद कर दिए जाएंगे। सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य में चल रहे 312 बारो के लाइसेंसो का 31 मार्च 2015 के बाद नवीनीकरण नहीं किया जाएगा।
सरकार एक अप्रेल 2015 से सिर्फ पंच सितारा होटलों को ही बार चलाने के लिए लाइसेंस देगी। इसका मतलब यह है कि चार और तीन सितारा होटलों के लाइसेंस अपने आप निरस्त हो जाएंगे। हालांकि, ऎसा करने से पहले राज्य सरकार कानूनी राय लेगी की क्या इन बारों तुरंत प्रभाव से बंद किया जा सकता है या नहीं।
फैसले की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि राज्य सरकार नई शराब नीति लेकर आएगी जिसमें बताया जाएगा की किस तरह प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी लागू की जाएगी। इस नीती पर यूडीएफ के सभी घटक दलो ने फैसला लिया और इसपर अंतिम मुहर कैबिनेट मीटिंग पर लगाई जाएगी।
राज्य सरकार अपना फैसला केरल हाई कोर्ट को बताएगी जहां बंद किए गए 418 बारों के मालिकों ने केस दर्ज कर रखा है और मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।
यूडीएफ ने अगले दस सालों में प्रदेश के सभी पेय पदार्थो के बिक्री केंद्र बंद करने का फैसला किया है। हर साल दस प्रतिशत बिक्री केंद्र बंद किए जाएंगे ताकि दस सालों में ऎसे सभी केंद्रों को बद कर दिया जाए। सरकार ने ऎसे केंद्रों मे काम करने वाले कर्मचारियों के लिए पुर्नवास पैकेज की घोषणा की है। -
फैसले की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि राज्य सरकार नई शराब नीति लेकर आएगी जिसमें बताया जाएगा की किस तरह प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी लागू की जाएगी। इस नीती पर यूडीएफ के सभी घटक दलो ने फैसला लिया और इसपर अंतिम मुहर कैबिनेट मीटिंग पर लगाई जाएगी।
राज्य सरकार अपना फैसला केरल हाई कोर्ट को बताएगी जहां बंद किए गए 418 बारों के मालिकों ने केस दर्ज कर रखा है और मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।
यूडीएफ ने अगले दस सालों में प्रदेश के सभी पेय पदार्थो के बिक्री केंद्र बंद करने का फैसला किया है। हर साल दस प्रतिशत बिक्री केंद्र बंद किए जाएंगे ताकि दस सालों में ऎसे सभी केंद्रों को बद कर दिया जाए। सरकार ने ऎसे केंद्रों मे काम करने वाले कर्मचारियों के लिए पुर्नवास पैकेज की घोषणा की है। -
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