जयपुर। महज 18 रूपए के लिए ईमान डिगाना डाक विभाग के कर्मचारी को भारी पड़ गया। करीब पच्चीस साल पुराने इस मामले में आरोपी को अब कोर्ट ने सजा सुनाई है। सीबीआई मामलों की विशेष्ा अदालत ने 18 रूपए की रिश्वत मामले में दोष्ाी पाए गए सत्तर वष्ाीüय आरोपी को एक साल की सजा काटने के लिए जेल भेजने का आदेश दिया। यह सजा उसे 1993 में सुनाई गई थी।
हाईकोर्ट से अपील खारिज होने के बाद सीबीआई ने वष्ाü 1989 के इस प्रकरण में आरोपी राधेश्याम शर्मा को सोमवार को अदालत में पेश किया, जहां विशेष्ा न्यायाधीश भगवती दास अग्रवाल ने जेल भेजने के आदेश दिए। मामले के अनुसार 1989 में शर्मा जीपीओ में डाक सहायक के पद पर कार्यरत था।
प्रति हजार पर एक रूपए की मांगी थी रिश्वत
शिकायतकर्ता कैलाश सोनी ने सीबीआई को शिकायत की थी कि आरोपी 18 हजार रूपए के राष्ट्रीय बचत पत्र देने के बदले उससे प्रति एक हजार रूपए पर एक रूपए रिश्वत मांग रहा है। शिकायत की तस्दीक होने के बाद आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया।
1989 में किया गिरफ्तार
सीबीआई ने 11 अप्रैल 1989 को आरोपी को गिरफ्तार किया। इसके करीब चार साल बाद सितम्बर 1993 में अदालत ने शर्मा को एक साल की सजा और साढे सात सौ रूपए जुर्माना देने की सजा सुनाई थी। पिछले दिनों इस मामले में शर्मा की अपील को खारिज कर दिया था। -
हाईकोर्ट से अपील खारिज होने के बाद सीबीआई ने वष्ाü 1989 के इस प्रकरण में आरोपी राधेश्याम शर्मा को सोमवार को अदालत में पेश किया, जहां विशेष्ा न्यायाधीश भगवती दास अग्रवाल ने जेल भेजने के आदेश दिए। मामले के अनुसार 1989 में शर्मा जीपीओ में डाक सहायक के पद पर कार्यरत था।
प्रति हजार पर एक रूपए की मांगी थी रिश्वत
शिकायतकर्ता कैलाश सोनी ने सीबीआई को शिकायत की थी कि आरोपी 18 हजार रूपए के राष्ट्रीय बचत पत्र देने के बदले उससे प्रति एक हजार रूपए पर एक रूपए रिश्वत मांग रहा है। शिकायत की तस्दीक होने के बाद आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया।
1989 में किया गिरफ्तार
सीबीआई ने 11 अप्रैल 1989 को आरोपी को गिरफ्तार किया। इसके करीब चार साल बाद सितम्बर 1993 में अदालत ने शर्मा को एक साल की सजा और साढे सात सौ रूपए जुर्माना देने की सजा सुनाई थी। पिछले दिनों इस मामले में शर्मा की अपील को खारिज कर दिया था। -
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