नई दिल्ली। जाली धन जुटाने वाली योजनाओं से निवेशकों को बचाने के लिए सरकार ने आज एक विधायी पहल का प्रस्ताव किया ताकि चिटफंउ और धन संग्रहण योजनाओं से जुड़ी कंपनियों का नियमन किया जा सके।
वित्तमंत्री अरूण जेटली ने बजट (2014-15) पेश करते हुए यह घोषणा की।
उन्होंने कहा, वित्तीय क्षेत्र सुधारों के तहत विधायी पहलों के तहत प्राइज चिट्स एंड मनी सकरूलेशन स्कीम (बेनिंग) एक्ट 1978 के तहत नियामकीय अंतर को पाटने का प्रस्ताव करता हूं।
उन्होंने कहा कि इन कदमों से उन कंपनियों व फर्मो के नियमन में मदद मिलेगी जो देश में बड़ी संख्या में निवेशकों को चूना लगाया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल सारदा चिट फंड घोटाले में बड़ी संख्या में छोटे निवेशकों को चूना लगाया गया।
वित्तमंत्री अरूण जेटली ने बजट (2014-15) पेश करते हुए यह घोषणा की।
उन्होंने कहा, वित्तीय क्षेत्र सुधारों के तहत विधायी पहलों के तहत प्राइज चिट्स एंड मनी सकरूलेशन स्कीम (बेनिंग) एक्ट 1978 के तहत नियामकीय अंतर को पाटने का प्रस्ताव करता हूं।
उन्होंने कहा कि इन कदमों से उन कंपनियों व फर्मो के नियमन में मदद मिलेगी जो देश में बड़ी संख्या में निवेशकों को चूना लगाया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल सारदा चिट फंड घोटाले में बड़ी संख्या में छोटे निवेशकों को चूना लगाया गया।
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