शनिवार, 26 जुलाई 2014

प्राइवेट नौकरी करने वालों को मिलेगी पेंशन?

असंगठित और निजी क्षेत्र में काम करने वाले सेवानिवृत लोगों को हर महीने 5000 रुपये की पेंशन सुनिश्चित कराने के लिए पेश किए गए एक निजी बिल को सभी पार्टी के सदस्यों ने समर्थन दिया है।

शुक्रवार को इसे भाजपा के निशिकांत दुबे ने पेश किया, जिसे सांसदों ने पार्टी लाइन से ऊपर उठ कर समर्थन दिया। निशिकांत दुबे की ओर से पेश नेशनल मिनिमम पेंशन (गारंटी) बिल, 2014 में असंगठित और निजी सेक्टर के कर्मचारियों को हर महीने न्यूनतम 5000 रुपये पेंशन मुहैया कराने के लिए एक राष्ट्रीय पेंशन बोर्ड के गठन का प्रावधान है।

बोर्ड पर इस सेक्टर के सेवानिवृत और इस प्रस्तावित कानून के तहत पेंशन न हासिल करने वालों के रिकार्ड रखने की जिम्मेदारी होगी।बिल पर बहस की शुरुआत करते हुए दुबे ने कहा कि गरीब बुजुर्गों को दो वक्त के भोजन की गारंटी देने के लिए यूनिवर्सल पेंशन स्कीम काफी कारगर साबित होगी।

उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां सिर्फ युवाओं के लिए नहीं बुजुर्गों के लिए भी होनी चाहिए। इस तरह की स्कीमों से असंगठित और निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सामाजिक सुरक्षा हासिल होगी।

बिल में 50,000 करोड़ रुपये से नेशनल पेंशन फंड बनाने की बात कही गई है। बिल का समर्थन करते हुए बीजू जनता दल के भर्तृहरि महताब ने कहा कि मेडिकल सुविधाओं में सुधार होना चाहिए क्योंकि लोगों की औसत उम्र बढ़ती जा रही है। इसलिए ऐसे बोर्ड की जरूरत है, जिससे गैर संगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों, किसानों और दबे-कुचले लोगों की देखभाल हो सके।

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