लोकपर्व नागपंचमी बुधवार को मनाई जाएगी। श्रद्धालु नाग पाश यंत्र, गरूड़ यंत्र की पूजा करेंगे। साथ ही सर्पसुक्त के पाठ सुनाएंगे। चांदपोल पुलिस लाइन के पास स्थित जोबनेर वालों के बाग में नागपंचमी पर लोक देवता हरदेवजी का सालाना मेला भरेगा।
इस दिन सुहागिन महिलाएं हरदेव महाराज को अंकुरित अनाज व शीतल व्यंजनों का भोग लगाकर वंश वृद्धि के लिए मनौती मांगेंगी।
ज्योतिषाचार्य पं.चंद्रमोहन दाधीच के मुताबिक ज्योतिष में राहू को सर्प का मुख और केतू का पूंछ माना गया है। जन्म कुण्डली में जब राहू-केतू के बीच सभी ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प दोष होता है। इसके कारण व्यक्ति का जीवन संघर्षपूर्ण हो जाता है।
नाग पंचमी के दिन धातु के अष्टनाग की पूजा कर जल में विसर्जित करने तथा जीवित नाग-नागिन के जोड़े को बंधनमुक्त कराने से कालसर्प दोष की निवृत्ति होती है।
छोड़े जाएंगे नाग-नागिन के जोड़े
दिल्ली रोड स्थित स्वयं आत्माराम जलेश्वर महोदव मन्दिर में नागपंचमी धूमधाम से मनाई जाएगी। इस दौरान कालसर्प दोष, सर्व दोष व प्रदोष निवारण के लिए नाग देव की पूजा होगी।
साथ ही दो दर्जन से अधिक नाग-नागिन के जोड़े छोड़े जाएंगे। बंगाली बाबा आत्माराम ब्रह्मचारी गणेश मन्दिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष चन्द्र प्रकाश भाड़ेवाला ने बताया कि मंदिर प्रांगण में सुबह 8 बजे से नागपाश स्त्रोत, मृत्युंजय स्त्रोत और सर्व सूक्त के पाठ किए जाएंगे। -
इस दिन सुहागिन महिलाएं हरदेव महाराज को अंकुरित अनाज व शीतल व्यंजनों का भोग लगाकर वंश वृद्धि के लिए मनौती मांगेंगी।
ज्योतिषाचार्य पं.चंद्रमोहन दाधीच के मुताबिक ज्योतिष में राहू को सर्प का मुख और केतू का पूंछ माना गया है। जन्म कुण्डली में जब राहू-केतू के बीच सभी ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प दोष होता है। इसके कारण व्यक्ति का जीवन संघर्षपूर्ण हो जाता है।
नाग पंचमी के दिन धातु के अष्टनाग की पूजा कर जल में विसर्जित करने तथा जीवित नाग-नागिन के जोड़े को बंधनमुक्त कराने से कालसर्प दोष की निवृत्ति होती है।
छोड़े जाएंगे नाग-नागिन के जोड़े
दिल्ली रोड स्थित स्वयं आत्माराम जलेश्वर महोदव मन्दिर में नागपंचमी धूमधाम से मनाई जाएगी। इस दौरान कालसर्प दोष, सर्व दोष व प्रदोष निवारण के लिए नाग देव की पूजा होगी।
साथ ही दो दर्जन से अधिक नाग-नागिन के जोड़े छोड़े जाएंगे। बंगाली बाबा आत्माराम ब्रह्मचारी गणेश मन्दिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष चन्द्र प्रकाश भाड़ेवाला ने बताया कि मंदिर प्रांगण में सुबह 8 बजे से नागपाश स्त्रोत, मृत्युंजय स्त्रोत और सर्व सूक्त के पाठ किए जाएंगे। -
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