शनिवार, 24 मई 2014

मोदी कैबिनेट में सुषमा स्वराज को जगह मिलना मुश्किल! -

नई दिल्लीआम चुनावों में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद आगामी सोमवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने वाले नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में करीब 50 मंत्री हो सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि राजनाथ के कैबिनेट में शामिल होने पर पार्टी की कमान किसे सौंपी जाए, इसको लेकर वरिष्ठ नेताओं में अभी तक आम सहमति नहीं बन सकी है और विचार-विमर्श का दौर जारी है।
narendra modis cabinet to have at least 50 ministers 
राजनाथ के कैबिनेट में जाने पर भाजपा अध्यक्ष के रूप में संघ की पहली पंसद नितिन गडकरी हैं, लेकिन मोदी गडकरी को फिर से अध्यक्ष बनाने पर सहमत नहीं हैं। गडकरी खुद भी अध्यक्ष बनने के बजाय कैबिनेट मंत्री बनना चाहते हैं। सूत्र बताते हैं कि मोदी नहीं चाहते हैं कि राजनाथ फिलहाल अध्यक्ष पद छोड़ें। मोदी का मानना है कि कुछ ही महीनों के बाद कई महत्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऎसी स्थिति में राजनाथ का अध्यक्ष पद छोड़ना और नए अध्यक्ष की नई टीम के नेतृत्व में चुनाव लड़ना पार्टी के हित मे नहीं होगा।

मोदी फिलहाल उनके और राजनाथ के मध्य बने "विनिंग कॉम्बिनेशन" को "डिस्टर्ब" नहीं करना चाहते हैं। संघ सूत्र बताते हैं कि संघ के शीष्ाü नेतृत्व ने राजनाथ के मंत्रिमंडल में शामिल होने या अध्यक्ष बने रहने को लेकर अंतिम निर्णय राजनाथ और मोदी पर छोड़ दिया है।

मंत्रिमंडल को फाइनल टच दे रहे मोदी

भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने शनिवार को बताया किइस बार भाजपा के 12-14 तथा राष्र्टीय जनतांत्रिक गठबंधन के सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी के रामविलास पासवान शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के एक -एक तथा अकाली दल की सुखविंदर कौर के मंत्री बनने की संभावना है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि नए मंत्रिमंडल के गठन को लेकर बातचीत निर्णायक दौर में पहुंच गई है। इस सम्बन्ध में फार्मूले तैयार किए जा रहे हैं जिससे राजग में शामिल पार्टियों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जा सके और मंत्री बनाने को लेकर एकरूपता रहे।

राज्यों को उचित प्रतिधित्व पर जोर

भाजपा में राज्यों को भी मंत्रिमंडल के गठन में उचित प्रतिनिधित्व दिए जाने पर बातचीत की जा रही है। मोदी ने शुक्रवार को भी भाजपा के तमाम शीर्ष नेताओं से बातचीत की थी। इसके अलावा राजग गठबंधन में शामिल प्रमुख दलों के नेताओं से भी उनकी बातचीत हुई है। सूत्रों के अनुसार तेलुगु देशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडु को भी मंत्रिमंडल मे शामिल किया जा सकता है। हालांकि नायडू को लेकर भाजपा के अंदर विरोध की खबरें हैं लेकिन सरकार की मजबूती के लिए उन्हें भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।

कट सकता है सुषमा स्वराज का पत्ता

सूत्रों का कहा है कि रक्षा मंत्रालय के लिए लॉबिंग कर रहीं सुषमा स्वराज का पत्ता कट सकता है। स्वराज ने लगातार मोदी का विरोध किया था, मोदी खेमा स्वराज को बड़ा मंत्रालय देने पर कतई राजी नहीं होगा और कम महत्वपूर्ण मंत्रालय पर स्वराज खुद नहीं मानेंगी। चर्चा है कि स्वराज की जगह मध्यप्रदेश के उज्जैन से नौ बार सांसद चुनी गई सुमित्रा महाजन को मोदी कैबिनेट में ले सकते हैं।

मोदी और राजनाथ से मिलने वालों का तांता

सरकार बनाने की तैयारियों के बीच भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओंं ने मनोनीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात की। पार्टी के वरिष्ठ नेता जेपी नड्डा और मोदी के निकट सहयोगी अमित शाह ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था वाले गुजरात भवन में मोदी से भेंट की, शाह बाद में पार्टी अध्यक्ष से भी मिले। राजनाथ सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल होने की जोरदार संभावना के कारण नड्डा को पार्टी अध्यक्ष बनाये जाने की चर्चा है।

वरिष्ठ नेता एम वेंकया नायडू तथा उमा भारती ने भी मोदी से बातचीत की। रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया के भी मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा के बीच इसके नेता रामदास अठावले ने भी मनोनीत प्रधानमंत्री से भेंट की। भाजपा अध्यक्ष के आवास पर भी लोगों का आना सुबह से ही शुरू हो गया था। भाजपा सांसद मेनका गंाधी, उदित राज तथा पार्टी की दिल्ली इकाई के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने उन से भेंट की। भाजपा के महासचिव राम लाल ने भी पार्टी प्रमुख से मुलाकात की।


कश्मीर पर मोदी की नजर

राजनीतिकरू प से संवेदनशील जम्मू कश्मीर से कम से कम एकमंत्री बनना तय माना जा रहा था क्योंकि मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान लद्दाख को स्वायत्तशासी क्षेत्र बनाने से लेकर अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के लिए जनमत तैयार करने जैसे अनेक वादे किए थे।

इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भी यह राज्य भाजपा के लिए अहम माना जा रहा है क्योंकि अनुच्छेद 370 हटाने के लिए विधानसभा में दो तिहाई बहुमत जरूरी है। आम चुनाव में मिशन 272 के बाद अब राज्य में मिशन 44 के लिए पार्टी ने कमर कस ली है।

पार्टी ने राज्य में पहली बार अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए तीन सीटें हासिल की हैं। इसलिए राज्य की जनता की आकांक्षा को पूरा करने के लिए दूसरे चरण में ही सही यहां से कम से कम एक मंत्री बनना तय माना जा रहा है। 

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