पाकिस्तान का नाम आते ही लोग एक आंतकवाद पोषित देश की छवि गढ़ने लगते हैं। विश्व में भी इस देश की छवि आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले देश के रूप में ही बनी है। सीमा पर भारत-पाक में तनातनी आम बात है। इन सबके बावजूद पाकिस्तानी पर्यटकों का भारत आना और भारतीय पर्यटकों के पाकिस्तान जाना लगा रहता है।
आज हम आपको पाकिस्तान के एक खूबसूरत पर्यटक स्थल की सैर पर ले जा रहे हैं। दोनों पड़ोसी देशों की मुहब्बत की कहानी बयां करती गुलजार की ये लाइने तो सभी ने सुनी होंगी- आंखों का वीजा नहीं लगता है, सपनों की सरहद होती नहीं, बंद आंखों से रोज मैं सरहद पार चला जाता हूं मिलने मेहंदी हसन से, सुनता हूं उनकी आवाज को चोट लगी है, अब कहते हैं सूख गए हैं फूल किताबों में, शीरीं-फरहाद भी बिछुड़ गए हैं, शायद मिले वो ख्वाबों में....
सैफ उल मलूक
सैफ उल मलूक पाकिस्तान का एक फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। यह, पर्शियन युवराज सैफ उल मलूक की कहानी को बयां करता एक रमणीय स्थल है। सैफ उल मलूक लेक नारन टाउन से 8 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। नारन टाउन खैबर पख्तूनख्वा जिले में पड़ता है।
सैफ उल मलूक लेक की खूबसूरती आपके मन को मोह लेगी। यह लेक यहां पाई जाने वाली ब्राउन ट्राउट मछली के लिए फेमस है। इस मछली का वजन 7 किलोग्राम से भी ज्यादा होता है।
कब जाएं
इस लेक को देखने का सबसे अच्छा वक्त मई और जून है। इन दो महीनों में से आप कभी भी सैफ उल मलूक लेक को देखने के लिए जा सकते हैं। सर्दियों में यह लेक बर्फ से ढक जाती है। इसके आस-पास की सड़के भी बर्फ से ढक जाती हैं।
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