सोमवार, 12 मई 2014

पोखरण की रेत चुराना चाहता है पाक !





जैसलमेर   : राजस्थान के पोखरण में भारत ने सबसे पहले परमाणु परीक्षण किया था. भारत ने 11 मई 1998 को यह परीक्षण किया था. परीक्षण के इतने साल बाद भी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई आज भी इस इलाके की रेत चुराने की फिराक में है. दरअसल आईएसआई इस रेत का सैंपल लेकर जांच करना चाहती है कि टेस्टिंग किस तरह से की गई थी.

पाकिस्तान के इस मंसूबों को नाकाम करने के लिए भारत ने इस क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा रखी है. यहां 3.5 किलोमीटर लंबी एक सड़क है, इस सड़क से गुजरने के लिए चार गेट पार करने होते हैं जहां पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं.

भारत के इन परमाणु परीक्षणों की जानकारी आईएसआई और अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए को भी नहीं लगी थी. तत्तकालीन सीआईए अध्यक्ष जॉर्ज टेनेंट को आज भी इस बात का अफसोस है कि उन्हें इन धमाकों की भनक नहीं लगी.

सूत्रों के मुताबिक आईएसआई ने अपने जासूसों और एजेंटों को सिर्फ इस मकसद से रखा है कि वह किसी तरह इस इलाके की रेत का सैंपल ला सकें, जिससे इस बात की जानकारी हो सके कि परमाणु परीक्षण किस तरह किया गया. सूत्र बताते हैं कि बीएसएफ जवान इस इलाके की सुरक्षा करते हैं और उनकी मुस्तैदी की ही बदौलत आईएसआई का मंसूबा कामयाब नहीं हो पाया है.

रक्षा प्रवक्ता एसडी गोस्वामी कहते हैं कि सैन्य जमीन की रक्षा स्थानीय सैन्य अधिकारियों की जिम्मेदारी है, कहां कितनी सुरक्षा रखनी है यह जगह-जगह पर निर्भर करता है.

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