नई दिल्ली। हो सकता है जुलाई के बाद आपको जीवन बीमा पॉलिसी लेने पर इसके कागजात संभालने की जरूरत न पड़े।
बीमा नियामक इरडा के आदेश के बाद जीवन बीमा क्षेत्र की कम्पनियां जुलाई से सभी पॉलिसियां डिजिटल स्वरूप में जारी करने की तैयारी कर रही हैं। इसके लिए कम्पनियां जल्दी ही सभी पांचों रिपॉजिटरी के साथ करार कर लेंगी।
पिछले दिनों जीवन बीमा कम्पनियों और बीमा विनियामक प्राधिकरण (इरडा) के बीच हुई बैठक में पहली जुलाई से सभी पॉलिसियों को डिजिटल स्वरूप में जारी करने पर सहमति बनी। सूत्र बताते हैं कि इरडा ने सभी कम्पनियों को स्पष्ट कर दिया है कि वे इस बीच रिपॉजिटरियों के साथ अपने करार कर लें।
इंश्योरेंस रिपॉजिटरी सिस्टम का उद्घाटन पिछले साल सितंबर में ही वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने किया था। जिन पांच रिपॉजिटरी को इरडा ने मंजूरी दी है, उनमें डाटाबेस मैनेजमेंट, सेंट्रल इंश्योरेंस रिपॉजिटरी, एसएचसीआईएल प्रोजेक्ट, सीएएमएस रिपॉजिटरी सर्विसेज और कार्वी इंश्योरेंस लिमिटेड शामिल हैं। बीमा पॉलिसी रिपॉजिटरी में इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में सुरक्षित रहेगी।
ग्राहकों को होगी आसानी
ई-पॉलिसी रखने के लिए ग्राहकों को इलेक्ट्रॉनिक इंश्योरेंस खाता खोलना होगा। ऎसा करने के बाद ग्राहक हर बार पॉलिसी लेने के वक्त केवाईसी की औपचारिकता से भी बच जाएंगे। इंडियाफर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस के एमडी एवं सीईओ पी नंदगोपाल के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक इंश्योरेंस खाता होने से ग्राहकों को खुद.ब.खुद प्रीमियम के रिमाइंडर भी मिलते रहेंगे।
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