मुंबई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि सोमवार को आम चुनावों के अंतिम चरण के मतदान के बाद अगर वह सत्ता में आती है तो वह गोमांस के निर्यात पर रोक लगा देगी। गोमांस निर्यात्क के रूप में भारत का दूसरा नंबर है।
हैरानी की बात है जिस देश में गाय को पवित्र मानकर उसकी पूजा की जाती है, भारत मिस्र, मलेशिया, विएतनाम और थाईलैंड जैसे देशों को गोमांस निर्यात कर जल्दी ही दुनियां का नंबर एक गामांस निर्यातक देश बनने वाला है।
हालांकि, ज्यादातर भैंस का मांस निर्यात होता है जिसे हिंदू पवित्र नहीं मानते हैं, लेकिन भाजपा देश की शाकाहारी परंपरा से जोड़कर इसपर रोक लगाना चाहती है ताकि देश में गायों की उपलब्धता बढ़ाई जा सके और दूध की आवक भी बढ़ सके।
अगर भारत से गोमांस पर रोक लगती है तो दुनियाभर में गांय की कीमतों में उछाल आ जाएगा। अमरीका में तो पिछले छह दशकों में काफी गिर गई थी।
घोषणा पत्र में फार्म नीति बनाने वाले भाजपा के उपाध्यक्ष सतपाल मलिक ने कहा कि अगर हम सत्ता में आए तो गोमांस के निर्याüत पर रोक लगाने के साथ साथ गाय या भैंस के मांस पर सरकार द्वारा दी जारी सब्सिडी की भी समीक्षा की जाएगी।
गोमांस निर्यातकों की मदद करने के लिए केंद्र सरकार भूचड़ खाने स्थापित करने के 50 से 75 प्रतिशत आर्थिक सहायता वहन करती है।
भाजपा के इस बयान के बाद गोमांस के व्यवसाय से जुड़े लोग काफी डरे हुए हैं। हालांकि, इस उद्योग से जुड़े अन्य लोगों का मानना है कि अगर भाजपा सत्ता में आती भी है तो निर्यात पर बहुत कम असर पड़ेगा। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2010-2011 में गोमांस के निर्यात से सरकार को 1.9 अरब डॉलर का राजस्व प्राप्त हुआ था, जबकि 2012-13 में यह राजस्व बढ़कर 3.2 अरब डॉलर हो गया।
अमरीकी कृषि विभाग की ओर से जारी आंकड़ों में गोमांस के निर्यात में भारत 20 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ ब्राजील के बाद दूसरे नंबर पर आता है।
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