नई दिल्ली। प्रधानमंत्री पद के भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने दावा किया है कि अगर वे सत्ता में आते हैं तो आपराधिक रिकोर्ड रखने वाले सांसदों को जेल भेज देंगे। उन्होंने कहा कि वे भाजपा और एनडीए को सांसदों को भी नहीं छोड़ेंगे। मोदी समर्थक उनके निर्णय को लेकर उनकी तारीफ कर रहे हैं लेकिन सच्चाई बिल्कुल इसके उलट है क्योंकि भाजपा के हर तीन में से एक उम्मीदवार का आपराधिक रिकोर्ड है।
एडीआर(एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म) के आंकड़ों के मुताबिक भाजपा के 32 फीसद से ज्यादा उम्मीदवारों का आपराधिक रिकोर्ड है। भाजपा ने चुनावी मैदान में 394 में उम्मीदवार उतारे हैं। जब बात आपराधिक रिकोर्ड की आती है तो भाजपा ने राष्ट्रीय पार्टियों में कांग्रेस को भी पीछे छोड़ दिया है। कांग्रेस के 26 फीसद उम्मीदवारों के आपराधिक रिकोर्ड हैं।
आपराधिक रिकोर्ड के साथ उम्मीदवार
एडीआर की रिपोर्ट में 5380 उम्मीदवारों पर अध्ययन किया गया है। इनमें से 16 फीसद 879 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले बताए हैं। भाजपा के 32 फीसद उम्मीदवारों का आपराधिक रिकोर्ड हैं। यह आंकड़ा कांग्रेस को भी पीछे छोड़ रहा है। कांग्रेस में 26 फीसद, सपा 25 फीसद और बसपा के 20 फीसद उम्मीदवारों के आपराधिक रिकोर्ड हैं।
एनसीपी और शिवसेना के उम्मीदवारों के खिलाफ सबसे ज्यादा आपराधिक रिकोर्ड हैं। एनसीपी के 59 फीसद और शिवसेना के 58 फीसद उम्मीदवार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। एमएनएस के सभी उम्मीदवारों का आपराधिक रिकोर्ड हैं। अगर भाजपा के सभी 32 फीसद दागी प्रत्याशी जीत जाते हैं तो मोदी के लिए यह एक कठिन काम होगा। मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस का कहना है कि वह मतदाताओं को पागल बना रहे हैं। जबकि उसकी पार्टी के ही सबसे ज्यादा उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक रिकोर्ड हैं। उसका कोई नैतिक अधिकार नहीं है कि वे ऎसे बयान दें।
5380 में से 10 फीसद 533 ने अपने खिलाफ गंभीर अपराधिक मामले बताए हैं। जिनमें मर्डर, रेप, और लूट जैसे मामले शामिल हैं। कांग्रेस के 287 में से 26 फीसद 75 प्रत्याशी, भाजपा के 279 में से 32 फीसद 88 प्रत्याशी, आम आदमी पार्टी के 291 में से 15 फीसद 44 प्रत्याशी और बसपा के 318 में से 20 फीसद 65 उम्मीदवारों ने अपना आपराधिक रिकोर्ड बताया है।
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