श्रीनगर : अलगाववादी नेता मुहम्मद यासीन मलिक को पुलिस ने रविवार को यहां गिरफ्तार कर लिया। मलिक अफजल गुरु की फांसी की पहली बरसी पर यहां एक जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे। 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले के दोषी अफजल गुरु को 2013 में तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी। जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष मलिक और उनके दर्जनों समर्थक मैसुमा स्थित कार्यालय से लाल चौक की तरफ जुलूस निकालने की कोशिश कर रहे थे।
जेकेएलएफ अफजल गुरु के पार्थिव अवशेष उसके परिवार को सौंपने की मांग कर रहा है, और यह जुलूस इसी मांग के समर्थन में निकाला गया था। पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने मैसुमा में ही जुलूस को रोक दिया और मलिक तथा उनके कुछ समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया।
मलिक ने घोषणा की थी कि वह रविवार के जुलूस का नेतृत्व करेंगे, और उसके बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए भूमिगत हो गए थे। पुलिस ने दूसरे वरिष्ठ अलगाववादी नेताओं को भी एहतियातन हिरासत में ले रखा है, जबकि शनिवार को प्रमुख अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी के दिल्ली से श्रीनगर पहुंचने के बाद उन्हें नजरबंद कर दिया गया। सुरक्षा बलों ने श्रीनगर और घाटी के दूसरे प्रमुख शहरों और कस्बों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए निषेधाज्ञा लगा दी है।
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