नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अगर कांग्रेस जनलोकपाल बिल का समर्थन नहीं करती है तो वह इस्तीफा दे देंगे। इसके बाद नए चुनाव होंगे और 'आप' बहुमत से सत्ता में लौटेगी। वहीं निर्दलीय विधायक रामवीर शौकीन ने दिल्ली सरकार से समर्थन वापसी का एलान कर दिया है। उधर, केजरीवाल ने स्पष्ट किया है कि अन्ना हजारे भी दिल्ली जनलोकपाल बिल के समर्थन में हैं। अरविंद ने उन्हें खुद जनलोकपाल बिल की जानकारी दी थी। अन्ना हजारे ने भी कहा है कि जनलोकपाल बिल का विरोध करने से बीजेपी और कांग्रेस को नुकसान होगा।
बता दें केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा था कि वह जनलोकपाल पारित करवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट तौर पर इस्तीफे की बात नहीं कही थी। लेकिन, रविवार को दिल्ली लिटरेचर फेस्टिवल में मुख्यमंत्री ने कहा कि जनलोकपाल बिल पारित कराने में कांग्रेस ने साथ नहीं दिया, तो वे इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि वह कुछ करने के लिए सीएम बनने हैं सरकार चलाने के लिए नहीं। अब जनता ही कांग्रेस को सबक सिखाएगी।
केजरीवाल द्वारा लाए जाने वाले जनलोकपाल बिल को कांग्रेस असंवैधानिक बता रही है और कह रही है कि वह असंवैधानिक काम में साथ नहीं देगी। कांग्रेस का कहना है कि बिल को विधानसभा में पेश करने से पहले केंद्र से मंजूर करवाना चाहिए, जबकि केजरीवाल इसकी जरूरत नहीं समझते। उन्होंने इस मुद्दे पर उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखकर भी स्पष्ट कर दिया था।
जनलोकपाल मुद्दे पर दिल्ली के उपराज्यपाल को कड़ी चिट्ठी लिखने वाले अरविंद केजरीवाल का दावा है कि उनके और नजीब जंग के रिश्तों में कोई कड़वाहट नहीं आई है और उनके बीच संबंध पहले जैसे हैं।
केजरीवाल ने कहा, "हमारे बीच कोई कड़वाहट नहीं है। मैं नजीब जी का सम्मान करता हूं। वे बहुत अच्छे इंसान हैं। मेरे और उनके संबंध भी काफी अच्छे हैं। मुझे मालूम है कि हम दोनों के बीच भविष्य में भी कभी संबंध खराब नहीं होंगे।"
केजरीवाल ने यह बयान चिट्ठी लिखने के दो दिन बाद दिया है। चिट्ठी में केजरीवाल ने उपराज्यपाल से पूछा था कि बिल भेजे जाने से पहले ही आखिर क्यों सॉलिसिटर जनरल से राय ली गई। केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में उपराज्यपाल को बिल पर उठाए जा रहे सवालों के जवाब भी दिए थे।
उपराज्यपाल को चिट्ठी में केजरीवाल ने लिखा था, "अब आप ये फैसला लीजिए कि आप दबाव के विरुद्ध खड़े होंगे या नहीं। आप ईमानदार इंसान हैं, लेकिन मैं आपसे विनम्र निवेदन करते हुए बताना चाहता हूं कि आपने संविधान की रक्षा की शपथ ली थी, न कि किसी पार्टी या गृह मंत्रालय के फायदों के रक्षा की।"
आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष द्वारा उपराज्यपाल नजीब जंग को 'कांग्रेस एजेंट' कहकर संबोधित करने को केजरीवाल ने गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं को अपनी भाषा का ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने कहा, "पार्टी के कुछ नेताओं के मन में तीव्र व्यथा हो सकती है, लेकिन उनकी व्यथा भाषा में नहीं झलकनी चाहिए।"
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