सोमवार, 3 फ़रवरी 2014

कैंसर ले रहा है महामारी का रूप

जयपुर। देश में तम्बाकू सेवन से हर साल करीब 10 लाख लोगों की मौत हो जाती है, वहीं लगभग साढे पांच हजार बच्चे तम्बाकू निर्मित उत्पादों जैसे सिगरेट, बीडी, गुटका, पान मसाला आदि की शुरूआत कर इनकी गिरफ्त में आ जाते हैं। आइए तम्बाकू छोड़ने का संकल्प "विश्व कैंसर दिवस" के अवसर पर लें ।
चार फरवरी को संपूर्ण विश्व में कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर जयपुर के सवाईमानसिंह अस्पताल के नाक, कान एवं गला (ईएनटी) विशेषज्ञ डॉ. पवन सिंघल ने बताया कि तम्बाकू सेवन सबसे बड़ी मानव निर्मित त्रासदी हैं। इसके कारण देश में हर साल दस लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है।

सिंघल ने बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार हर तीसरा भारतीय किसी न-न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करता है। इनमें एक तिहाई लोग कैंसर, दिल की बीमारी जैसी बीमारियों के कारण समय पूर्व मृत्यु के शिकार हो जाते हैं।

उन्होंने बताया कि हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में तीस या इससे अधिक की उम्र में होने वाली हर पांच मौतों में से दो मौतें धूम्ररहित तम्बाकू के कारण होती हैं। देश में प्रतिवर्ष कैंसर से करीब पांच लाख लोगों की मौत हो जाती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2005 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में वर्ष 2015 तक कैंसर से मरने वालों की संख्या लगभग सात लाख हो जाएगी। उन्होंने बताया कि राजस्थान में 32.3 प्रतिशत लोग तम्बाकू सेवन के आदी हैं जिन्हें समय रहते आगाह किया जाए तो कैंसर, ह्वदयाघात एवं सांस आदि रोगों से बचाया जा सकता है।

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