नई दिल्ली। राजीव गांधी की हत्या की दोषी नलिनी की मां ने एक रहस्योद्घाटन कर सनसनी फैला दी है। उसका अनुसार राजीव की हत्या की मुख्य वजह प्यार थी जो कि उसकी बेटी को हो गया था।
उसने कहा कि राजीव गांधी की हत्या का उसे काफी दुख है लेकिन इन मुसीबतों के लिए इश्क जिम्मेदार है। उसने आगे बताते हुए कहा कि मेरी बेटी प्यार में पड़ गई और इसके बाद दिक्कतें शुरू हो गई।
उसने जयललिता का अभार जताते हुए नलिनी को माफ करने के लिए धन्यवाद दिया ।
"रिहाई" पर सियासत
मालूम हो कि जयललिता सरकार के द्वारा राजीव गांधी के हत्यारों को समय पूर्व जेल से रिहा किए जाने पर चारों ओर से मिली जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं।
जहां स्थानीय दलों ने इस फैसले का स्वागत किया वहीं प्रमुख राष्ट्रीय दलों ने इसका विरोध किया है।
ऎसा लग रहा है कि इस मुद्दे पर भी राजनीति की जा रही है। जहां एक ओर विपक्ष ने तीन अपराधियों को रिहा करने को बोला वहीं सरकार ने सातों को रिहा कर दिया।
गौरतलब रहे कि राजीव की मौत पर, जांच पर सियासत का साया मंडराता रहा है। और अब उनके हत्यारों की रिहाई पर भी सियायत की रोटी सेकी जा रही है।
ऑल इंडिया एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड के प्रमुख मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने इसे वोट बैंक की राजनीति करार दिया है।
जहां कांग्रेस की ओर से उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे निहायत ही गलत निर्णय करार दिया है। वहीं भाजपा ने इसे एक गलत परंपरा की शुरूआत करना बताया है।
उसने कहा कि राजीव गांधी की हत्या का उसे काफी दुख है लेकिन इन मुसीबतों के लिए इश्क जिम्मेदार है। उसने आगे बताते हुए कहा कि मेरी बेटी प्यार में पड़ गई और इसके बाद दिक्कतें शुरू हो गई।
उसने जयललिता का अभार जताते हुए नलिनी को माफ करने के लिए धन्यवाद दिया ।
"रिहाई" पर सियासत
मालूम हो कि जयललिता सरकार के द्वारा राजीव गांधी के हत्यारों को समय पूर्व जेल से रिहा किए जाने पर चारों ओर से मिली जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं।
जहां स्थानीय दलों ने इस फैसले का स्वागत किया वहीं प्रमुख राष्ट्रीय दलों ने इसका विरोध किया है।
ऎसा लग रहा है कि इस मुद्दे पर भी राजनीति की जा रही है। जहां एक ओर विपक्ष ने तीन अपराधियों को रिहा करने को बोला वहीं सरकार ने सातों को रिहा कर दिया।
गौरतलब रहे कि राजीव की मौत पर, जांच पर सियासत का साया मंडराता रहा है। और अब उनके हत्यारों की रिहाई पर भी सियायत की रोटी सेकी जा रही है।
ऑल इंडिया एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड के प्रमुख मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने इसे वोट बैंक की राजनीति करार दिया है।
जहां कांग्रेस की ओर से उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे निहायत ही गलत निर्णय करार दिया है। वहीं भाजपा ने इसे एक गलत परंपरा की शुरूआत करना बताया है।
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