शनिवार, 1 फ़रवरी 2014

"स्तनपान" अब बना बच्चे का कानूनी हक

दुबई। संयुक्त अरब अमीरात में अगर पत्नी अपने बच्चे को स्तनपान कराने से इनकार कर दे तो पति उसके खिलाफ मामला दर्ज करा सकेंगे। स्तनपान अब दो साल तक के बच्चे का कानूनन अधिकार बन गया है। इस नए कानून के तहत वैसी महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज कराया जा सकता है जो अपनी सुंदरता या अन्य किसी कारण से अपने दो साल तक के बच्चों को स्तनपान नहीं कराती हैं।
नेशनल फेडरल काउंसिल ने बाल अधिकार कानून में संशोधन करके यह एक नया अनुच्छेद जोड़ा है कि यह बच्चों का अधिकार है कि वे अपनी मां का दूध पीएं और उनकी छत्रछाया में रहें। काउंसिल के मुताबिक यह महिलाओं की मर्जी पर निर्भर नहीं करता है कि वे अपने बच्चे को दूध पिलाना चाहती हैं या नहीं। अ

मीरात के सामाजिक मामलों की मंत्री मरियम अलरूमी नेहालांकि इस नए कानून को महिलाओं के शोषण का एक नया अध्याय बताया है। मरियम के मुताबिक नए कानून के पारित होने से अब पति अपनी पत्नी के खिलाफ स्तनपान न कराने का मामला दर्ज करा सकते हैं। यह इस कानून का बोझिल पक्ष है।

तो प्रशासन करेगा स्तनपान का इंतजाम

स्थानीय मीडिया के मुताबिक जो महिला किसी शारीरिक परेशानी की वजह से स्तनपान नहीं करा सकती हैं तो प्रशासन उस महिला के बच्चे के लिए किसी धाय का इंतजाम करेगा। लेकिन कानून में इस बात का जिक्र नहीं किया है कि यह कानून कैसे लागू किया जाएगा, कैसे स्तनपान न करा सकने की शारीरिक अक्षमता जांची जाएगी और कैसे इसका उल्लंघन करने वालों का पता लगाया जाएगा।

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