जयपुर। राजस्थान मेडिकल यूनिवर्सिटी की ओर से सोमवार को हुई एमबीबीएस तृतीय भाग द्वितीय (मुख्य) परीक्षा का ऑब्सट्रेटिक्स एंड गायनोकोलोजी के अधिकांश प्रश्न परीक्षा से पहले ही छात्रों के हाथों में आ गए थे। छात्रों का कहना है विवि की इन ज्यादातर परीक्षाओं में ऎसे पेपर 2-4000 रूपए में बेचे जा रहे हैं।
एक छात्र ने परीक्षा खत्म होने से करीब सवा घंटे पहले ही यह पेपर राजस्थान पत्रिका को पहुंचा दिया था, जिससे मूल पेपर के 80 फीसदी से ज्यादा प्रश्न मेल खा रहे थे। परीक्षा सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक थी। कई छात्रों का कहना है, पेपर तड़के 3 बजे ही उनके हाथ में था। एक दिन पहले ही डिस्कॉम परीक्षा का पेपर आउट हुआ था।
40 में से 30 पक्के
पेपर 40 नंबर का था। राजस्थान पत्रिका ने परीक्षा से पहले मिले प्रश्नों और मूल पेपर का मिलान किया तो 30 से ज्यादा नंबर के प्रश्न पेपर में थे।
किसी छात्र ने परीक्षा के दौरान टॉयलेट में जाकर मोबाइल से फोटो खींच प्रश्न बाहर भेज दिए होंगे। पेपर आउट नहीं हुआ।विनोद बिहाणी, परीक्षा नियंत्रक, आरयूएचएस
नियमानुसार कोई छात्र परीक्षा के बीच में मोबाइल लेकर बाहर निकल ही नहीं सकता। फिर यह कैसे हो गया...?
एक छात्र ने परीक्षा खत्म होने से करीब सवा घंटे पहले ही यह पेपर राजस्थान पत्रिका को पहुंचा दिया था, जिससे मूल पेपर के 80 फीसदी से ज्यादा प्रश्न मेल खा रहे थे। परीक्षा सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक थी। कई छात्रों का कहना है, पेपर तड़के 3 बजे ही उनके हाथ में था। एक दिन पहले ही डिस्कॉम परीक्षा का पेपर आउट हुआ था।
40 में से 30 पक्के
पेपर 40 नंबर का था। राजस्थान पत्रिका ने परीक्षा से पहले मिले प्रश्नों और मूल पेपर का मिलान किया तो 30 से ज्यादा नंबर के प्रश्न पेपर में थे।
किसी छात्र ने परीक्षा के दौरान टॉयलेट में जाकर मोबाइल से फोटो खींच प्रश्न बाहर भेज दिए होंगे। पेपर आउट नहीं हुआ।विनोद बिहाणी, परीक्षा नियंत्रक, आरयूएचएस
नियमानुसार कोई छात्र परीक्षा के बीच में मोबाइल लेकर बाहर निकल ही नहीं सकता। फिर यह कैसे हो गया...?
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