बाड़मेर। पुलिस थाना चौहटन के थानाधिकारी जगदीश शर्मा व हैडकांस्टेबल खूमाराम के खिलाफ पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्यालय जयपुर ने एफ आई आर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। एसीबी की ट्रेप कार्रवाई से बच निकला हैडकांस्टेबल फिलहाल पुलिस लाइन में हैं। वहीं थानाधिकारी चौहटन थाने में कार्यरत है। एसीबी ने पुलिस महकमे से इन दोनों का सर्विस रिकॉर्ड लिया है। एसीबी अधिकारी इन दोनों के खिलाफ एफ आई आर दर्जकरने की तैयारी कर रहे हैं। संभवत: सोमवार को इन दोनों के खिलाफ एसीबी में मामला दर्जकर लिया जाएगा।
जांच के आदेश हुए तो आया
जांच के आदेश हुए तो आया
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ट्रेप की कार्यवाही के दौरान एसीबी टीम से बचकर फरार हुए चौहटन थाने के हैडकांस्टेबल खूमाराम करीब एक माह तक अनुपस्थित रहा। 30 जनवरी को पुलिस अधीक्षक ने इस मामले मे विभागीय जांच के आदेश दिए। जांच पुलिस उप अधीक्षक चौहटन को सौंपी गई। विभागीय जांच के आदेशों के बाद खूमाराम हाजिर हुआ। फिर उसे थाने से हटाकर पुलिस लाइन में लगाया गया। फिलहाल वह लाइन में कार्यरत है और जांच चल रही है।
इसलिए थानेदार आया चपेट में
इसलिए थानेदार आया चपेट में
पुलिस अधीक्षक एसीबी मुख्यालय ने इस मामले मे हैडकांस्टेबल के साथ-साथ थानाधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश इसलिए दिए कि तीस दिसम्बर को परिवादी ने स्वयं थानाधिकारी को रिपोर्ट दी थी, लेकिन मामला दर्जनहीं किया गया। हैडकांस्टेबल की ओर से रिश्वत की मांग करने के दौरान हुई बातचीत में भी थानाधिकारी का जिक्र आया है। फिलहाल चौहटन थानाधिकारी के पद कार्यरत जगदीश शर्मा के खिलाफ पचपदरा थानाधिकारी रहते हुए रिश्वत की मांग करने की संबंधी एक मामला एसीबी में दर्ज है।
जांच चल रही है
इस मामले की प्राथमिक जांच पुलिस उप अधीक्षक चौहटन को जांच सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी। हेमन्त शर्मा, पुलिस अधीक्षक, बाड़मेर
पीडित से मांगी रिश्वत
चौहटन थाने में कार्यरत रहे हैडकांस्टेबल खूमाराम ने थाने में एफ आईआर दर्ज के बदले में चार हजार रूपए रिश्वत की मांग की। इसे लेकर 2 जनवरी को एसीबी ने हैडकांस्टेबल को ट्रेप करने का प्रयास किया, लेकिन ट्रेप होने से पहले हैडकांस्टेबल भाग छूटा। प्रकरण के मुताबिक तरड़ों का तला बिसारणिया निवासी श्रवणकुमार व उसकी भाभी कमलादेवी ने तीस दिसम्बर को चौहटन थाने में चार जनों के खिलाफ अनधिकृत प्रवेश व मारपीट का मामला दर्जकरवाना चाहा। श्रवण ने आरोप लगाया कि मामला दर्जकरवाने के एवज में हैडकांस्टेबल खूमाराम ने चार हजार रूपए रिश्वत की मांग की। इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को की गई।
ब्यूरो ने शिकायत का सत्यापन करवाया। सत्यापन में शिकायत सही होने की पुष्टि हुई। इस पर एसीबी ने दो जनवरी को हैडकांस्टेबल खूमाराम को रंगे हाथों पकड़ने के लिए ट्रेप की योजना बनाई। एसीबी की टीम चौहटन थाने पहुंची और थाने के बाहर रूक गई। श्रवण थाने के भीतर गया और हैडकांस्टेबल को चार हजार रूपए रिश्वत थमा दी। फिर अचानक ही उसने यह राशि वापस लौटा दी। संभवत: नोटों का रंग उसके हाथों पर लग गया और उसे ट्रेप का अंदेशा हो गया। एसीबी टीम के थाने के भीतर पहुंचने से पहले ही खूमाराम फरियादी श्रवणकुमार को लॉक अप में डालकर थाने से फरार हो गया। दो जनवरी को देर रात तक एसीबी की टीम ने हैडकांस्टेबल का इंतजार किया, लेकिन वह नहीं आया।
जांच चल रही है
इस मामले की प्राथमिक जांच पुलिस उप अधीक्षक चौहटन को जांच सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी। हेमन्त शर्मा, पुलिस अधीक्षक, बाड़मेर
पीडित से मांगी रिश्वत
चौहटन थाने में कार्यरत रहे हैडकांस्टेबल खूमाराम ने थाने में एफ आईआर दर्ज के बदले में चार हजार रूपए रिश्वत की मांग की। इसे लेकर 2 जनवरी को एसीबी ने हैडकांस्टेबल को ट्रेप करने का प्रयास किया, लेकिन ट्रेप होने से पहले हैडकांस्टेबल भाग छूटा। प्रकरण के मुताबिक तरड़ों का तला बिसारणिया निवासी श्रवणकुमार व उसकी भाभी कमलादेवी ने तीस दिसम्बर को चौहटन थाने में चार जनों के खिलाफ अनधिकृत प्रवेश व मारपीट का मामला दर्जकरवाना चाहा। श्रवण ने आरोप लगाया कि मामला दर्जकरवाने के एवज में हैडकांस्टेबल खूमाराम ने चार हजार रूपए रिश्वत की मांग की। इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को की गई।
ब्यूरो ने शिकायत का सत्यापन करवाया। सत्यापन में शिकायत सही होने की पुष्टि हुई। इस पर एसीबी ने दो जनवरी को हैडकांस्टेबल खूमाराम को रंगे हाथों पकड़ने के लिए ट्रेप की योजना बनाई। एसीबी की टीम चौहटन थाने पहुंची और थाने के बाहर रूक गई। श्रवण थाने के भीतर गया और हैडकांस्टेबल को चार हजार रूपए रिश्वत थमा दी। फिर अचानक ही उसने यह राशि वापस लौटा दी। संभवत: नोटों का रंग उसके हाथों पर लग गया और उसे ट्रेप का अंदेशा हो गया। एसीबी टीम के थाने के भीतर पहुंचने से पहले ही खूमाराम फरियादी श्रवणकुमार को लॉक अप में डालकर थाने से फरार हो गया। दो जनवरी को देर रात तक एसीबी की टीम ने हैडकांस्टेबल का इंतजार किया, लेकिन वह नहीं आया।
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