जयपुर. गोवर्धन (मथुरा, उप्र) के आन्यौर-जतीपुरा से गोवर्धन-गिरिराजजी उदयपुर के नाथद्वारा में होली खेलने जाएंगे। गोवर्धन-गिरिराजजी का विग्रह सात दिन तक नाथद्वारा रहेगा। इस दौरान तीन दिन लगातार होली की धमाल भी होगी। 29 जनवरी को जतीपुरा के मुखारबिंद में गोवर्धन पूजा व डोला के साथ यात्रा शुरू हुई। ये यात्रा 5 फरवरी को नाथद्वारा प्रवेश करेगी।
ऐसा माना जा रहा है कि 388 साल पहले आन्यौर-जतीपुरा के मध्य स्थित गोवर्धन पर्वत से नाथद्वारा गए श्रीनाथजी से पहली बार भगवान गोवर्धन का मिलन होगा। श्री गिरिराजजी मुखारबिंद कमेटी व पुरोहित सेवा समिति के तत्वावधान में जतीपुरा से रवाना हुए श्रीजी का विग्रह डोले और 15 गाडिय़ों के लवाजमे के साथ शनिवार को जयपुर पहुंचा। यहां से इनकी यात्रा सोमवार को अजमेर और मंगलवार को ब्यावर पहुंचेगी। यहां विश्राम के बाद पांच फरवरी को नाथद्वारा पहुंचेगी।
संस्था मंत्री दाऊदयाल पुरोहित व व्यवस्थापक पंकज कौशिक के मुताबिक पहली बार बृजवासियों द्वारा तीन दिन होली का धमाल होगा। नवंबर 2006 नाथद्वारा से नवनीतप्रियाजी का विग्रह जतीपुरा में गिरिराजजी मुखारबिंद के लिए रवाना हुआ था। यहां उनका विग्रह 13 दिन रुका था। इस विग्रह को बृजवासियों ने पूरे बृज क्षेत्र का भ्रमण करवाया था।
इसके साथ ही अलग-अलग दिन मनोरथ कार्यक्रम भी हुए थे।
तीन दिन लट्ठमार व गुलाल होली
07 फरवरी को होली महोत्सव मनाया जाएगा नाथद्वारा में।
08 फरवरी को लट्ठमार होली का आयोजन होगा।
09 फरवरी को हुरंगा यानी गुलाल की होली खेली जाएगी।
12 फरवरी को होगी विदाई
10 फरवरी को निकुंज मनोरथ, 11 फरवरी को छप्पन भोग झांकी तथा 12 फरवरी को विदाई होगी।
यात्रा को लेकर विवाद के सुर
श्री गिरिराज के नाथद्वारा पधारने को लेकर नाथद्वारा में असमंजस है। यहां लगे बैनर और निमंत्रण पत्रिका में सात दिन का कार्यक्रम तय है, पर तिलकायत राकेश महाराज को बिना मंजूरी मुख्य अतिथि दर्शाने पर स्वयं तिलकायत ने नाराजगी जाहिर की है तो मंदिर प्रशासन के पास जानकारी नहीं होना सामने आया है।
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