भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के लिए आगामी लोकसभा चुनाव करो या मरो की लड़ाई से कम नहीं है, क्योंकि पार्टी इस चुनाव के जरिए जीत हासिल कर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती, इसके लिए वह वे दांव चलने से भी परेहज नहीं कर रही है जो अब तक कम इस्तेमाल किए गए हैं। यही कारण है कि पार्टी जनजातीय वर्ग के प्रणय पर्व "भगोरिया" उत्सव में भी मोदी की ब्रांडिंग करने की रणनीति बना रही है।
निमाड़ और झाबुआ अंचल के जनजातीय वर्ग भील व भिलाल के युवक युवतियों के लिए होली के मौके पर आयोजित किया जाने वाला भगोरिया उत्सव नई उम्मीदों को लेकर आता है, क्योंकि इस मौके पर वे अपने दिल की बात का इजहार कर नए जीवन साथी का चुनाव करते हैं। यही कारण है कि इस पर्व को प्रणय पर्व भी कहा जाता है।
भगोरिया पर्व में हजारों की संख्या में नौजवान पहुंचते हैं और भाजपा इन नौजवानों के बीच मोदी को पहुंचाने को लेकर लालायित है। यही कारण है कि भाजपा मोदी की तस्वीर और पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल निशान को इस प्रणय पर्व में पहचान दिलाने की तैयारी कर रही है।
भगोरिया उत्सव में मोदी सशरीर तो उपस्थित नहीं होंगे, मगर उनकी तस्वीर और कमल निशान को इस तरह से प्रचारित किया जाएगा कि भील व भिलाला के लिए दोनों ही अनजान नहीं रहेंगे।
लोकसभा चुनाव में ज्यादा वक्त नहीं है और भाजपा इसमें जीत दर्ज करने के लिए हर स्तर पर प्रयास करने में पीछे नहीं रहना चाहती। इसी क्रम में अगले माह शुरू होने वाले भगोरिया उत्सव में भाजपा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी की जनजातीय वर्ग के बीच ब्रांडिंग करने जा रही है।
भाजपा जनजातीय प्रकोष्ठ के प्रांतीय अध्यक्ष गजेंद्र सिंह बताते हैं कि पार्टी ने तय किया है कि भगोरिया उत्सव के दौरान मोदी की छवि और पार्टी के चुनाव को बढ़ावा देने की मुहिम चलेगी। इस अभियान में जनजातीय वर्ग के क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की हिस्सेदारी रहेगी। पार्टी ने इसके लिए रणनीति बनाई है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार एक मार्च से शुरू होकर बीस दिन तक चलने वाले भगोरिया उत्सव में भाजपा जनजातीय वर्ग के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का भी प्रचार प्रसार करेगी और उनका आह्वान करेगी कि वे भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव में वोट करें।
भाजपा इस उत्सव में रंगारंग कार्यक्रमों के जरिए राज्य सरकार की योजनाओं को पहुंचा कर उनका दिल जीतने की कोशिश करेगी। भाजपा अपने मोदी ब्रांडिंग के लिए शुरूकिए जा रहे अभियान के जरिए कांग्रेस के जनजातीय वर्ग के वोट बैंक में सेंध लगाना चाहती है अब देखना होगा कि उसका यह प्रयास कितना कारगर रहता है।
निमाड़ और झाबुआ अंचल के जनजातीय वर्ग भील व भिलाल के युवक युवतियों के लिए होली के मौके पर आयोजित किया जाने वाला भगोरिया उत्सव नई उम्मीदों को लेकर आता है, क्योंकि इस मौके पर वे अपने दिल की बात का इजहार कर नए जीवन साथी का चुनाव करते हैं। यही कारण है कि इस पर्व को प्रणय पर्व भी कहा जाता है।
भगोरिया पर्व में हजारों की संख्या में नौजवान पहुंचते हैं और भाजपा इन नौजवानों के बीच मोदी को पहुंचाने को लेकर लालायित है। यही कारण है कि भाजपा मोदी की तस्वीर और पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल निशान को इस प्रणय पर्व में पहचान दिलाने की तैयारी कर रही है।
भगोरिया उत्सव में मोदी सशरीर तो उपस्थित नहीं होंगे, मगर उनकी तस्वीर और कमल निशान को इस तरह से प्रचारित किया जाएगा कि भील व भिलाला के लिए दोनों ही अनजान नहीं रहेंगे।
लोकसभा चुनाव में ज्यादा वक्त नहीं है और भाजपा इसमें जीत दर्ज करने के लिए हर स्तर पर प्रयास करने में पीछे नहीं रहना चाहती। इसी क्रम में अगले माह शुरू होने वाले भगोरिया उत्सव में भाजपा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी की जनजातीय वर्ग के बीच ब्रांडिंग करने जा रही है।
भाजपा जनजातीय प्रकोष्ठ के प्रांतीय अध्यक्ष गजेंद्र सिंह बताते हैं कि पार्टी ने तय किया है कि भगोरिया उत्सव के दौरान मोदी की छवि और पार्टी के चुनाव को बढ़ावा देने की मुहिम चलेगी। इस अभियान में जनजातीय वर्ग के क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की हिस्सेदारी रहेगी। पार्टी ने इसके लिए रणनीति बनाई है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार एक मार्च से शुरू होकर बीस दिन तक चलने वाले भगोरिया उत्सव में भाजपा जनजातीय वर्ग के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का भी प्रचार प्रसार करेगी और उनका आह्वान करेगी कि वे भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव में वोट करें।
भाजपा इस उत्सव में रंगारंग कार्यक्रमों के जरिए राज्य सरकार की योजनाओं को पहुंचा कर उनका दिल जीतने की कोशिश करेगी। भाजपा अपने मोदी ब्रांडिंग के लिए शुरूकिए जा रहे अभियान के जरिए कांग्रेस के जनजातीय वर्ग के वोट बैंक में सेंध लगाना चाहती है अब देखना होगा कि उसका यह प्रयास कितना कारगर रहता है।
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