नई दिल्ली। सीआरपीएफ के जवानों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। अब उन्हें अपनों से दूर नहीं रहना होगा।
जवानों का अपने परिवार से दूर रहने जैसे मानसिक तनाव के कारण उनमें आत्महत्या की घटना बढ़ी है। हजारों जवानों ने अपनी नौकरी छोड़ दी। ऎसी घटनाओं को देखते हुए सीआरपीएफ ने जवानों के लिए पोस्टिंग का एक नया सिस्टम बनाया है।
जिसके तहत जवानों को अपने घर के पास के इलाके में पोस्टिंग दी जाएगी। इसके लिए सीआरपीएफ ने अपने फोर्स को चार जोन में बांट दिया है। नॉर्थ, सेंट्रल, नॉर्थ-ईस्ट और साउथ वेस्ट।
इस नए सिस्टम के तहत जो जवान जिस जोन का होगा वह हमेशा उसी जोन में पोस्टेड रहेगा। उसे अपने पूरी नौकरी के दौरान दूसरे जोन में नहीं भेजा जाएगा। जिससे वे हमेशा अपने परिवार के नजदीक रह पाएगा।
साथ ही सभी जवानों को अपने जोन के नक्सल और आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र के साथ साथ शांति वाले क्षेत्र में भी समय-समय पर शिफ्ट किया जाएगा, जिससे जवानों को हर क्षेत्र में रहने का मौका मिले और उनका तनाव भी कम किया जा सके।
इस नई नियम के तहत जवानों को घर से सिर्फ इतनी ही दूर रखा जाएगा, जहां रहते हुए वे एक दिन के छुट्टी में भी घरवालों से मिल कर अपने कार्यस्थल पर आ सकें।
एक सीआरपीएफ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान सिस्टम में नॉर्थ ईस्ट के जवान को आंध्र प्रदेश भी पोस्टेड किया जा सकता है। जिससे जवानों को अपने घर से काफी दूर रहना पड़ता है। साथ ही अपने घर जाने में उन्हें ज्यादा समय भी लगता है। इस वजह से वे लंबी छुट्टी मिलने पर ही अपने घर जा पाते हैं।
सीआरपीएफ के डीजी दिलीप त्रिवेदी ने कहा कि हम आशा करते हैं कि सिर्फ इस एक बदलाव से जवानों की क्षमता में इजाफा होगा। जब जवान घर के पास होगें तो तनाव मुक्त और बेहतर महसूस करने के साथ-साथ अच्छा काम भी करेंगे। बता दें कि मानसिक तनाव से पिछले तीन सालों में दस हजार जवान नौकरी छोड़ चुके हैं और 130 जवान मौत को गले लगा चुके हैं।
जवानों का अपने परिवार से दूर रहने जैसे मानसिक तनाव के कारण उनमें आत्महत्या की घटना बढ़ी है। हजारों जवानों ने अपनी नौकरी छोड़ दी। ऎसी घटनाओं को देखते हुए सीआरपीएफ ने जवानों के लिए पोस्टिंग का एक नया सिस्टम बनाया है।
जिसके तहत जवानों को अपने घर के पास के इलाके में पोस्टिंग दी जाएगी। इसके लिए सीआरपीएफ ने अपने फोर्स को चार जोन में बांट दिया है। नॉर्थ, सेंट्रल, नॉर्थ-ईस्ट और साउथ वेस्ट।
इस नए सिस्टम के तहत जो जवान जिस जोन का होगा वह हमेशा उसी जोन में पोस्टेड रहेगा। उसे अपने पूरी नौकरी के दौरान दूसरे जोन में नहीं भेजा जाएगा। जिससे वे हमेशा अपने परिवार के नजदीक रह पाएगा।
साथ ही सभी जवानों को अपने जोन के नक्सल और आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र के साथ साथ शांति वाले क्षेत्र में भी समय-समय पर शिफ्ट किया जाएगा, जिससे जवानों को हर क्षेत्र में रहने का मौका मिले और उनका तनाव भी कम किया जा सके।
इस नई नियम के तहत जवानों को घर से सिर्फ इतनी ही दूर रखा जाएगा, जहां रहते हुए वे एक दिन के छुट्टी में भी घरवालों से मिल कर अपने कार्यस्थल पर आ सकें।
एक सीआरपीएफ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान सिस्टम में नॉर्थ ईस्ट के जवान को आंध्र प्रदेश भी पोस्टेड किया जा सकता है। जिससे जवानों को अपने घर से काफी दूर रहना पड़ता है। साथ ही अपने घर जाने में उन्हें ज्यादा समय भी लगता है। इस वजह से वे लंबी छुट्टी मिलने पर ही अपने घर जा पाते हैं।
सीआरपीएफ के डीजी दिलीप त्रिवेदी ने कहा कि हम आशा करते हैं कि सिर्फ इस एक बदलाव से जवानों की क्षमता में इजाफा होगा। जब जवान घर के पास होगें तो तनाव मुक्त और बेहतर महसूस करने के साथ-साथ अच्छा काम भी करेंगे। बता दें कि मानसिक तनाव से पिछले तीन सालों में दस हजार जवान नौकरी छोड़ चुके हैं और 130 जवान मौत को गले लगा चुके हैं।
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