रविवार, 19 जनवरी 2014

पत्नियों को पति का वेतन जानने का हक



नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग ने पत्नियों के हक में एक फैसला सुनाया है। उसने कहा है कि पत्नियों को सरकारी कर्मचारी पति के वेतन के बारे में जानने का पूरा हक है। उनके कार्यालयों को आरटीआई एक्ट के तहत ये जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए।

सूचना आयुक्त एम श्रीधर आचार्युलु ने कहा कि सभी पत्नियों को विशेषतौर पर भरण-पोषण के उद्देश्य से वेतन के बारे में जानने का हक है। उन्होंने कहा कि लोक प्राधिकरण के एक कर्मचारी की पत्नी को खासतौर पर पति के वेतन को जानने का अधिकार बनता है। आयुक्त ने यह भी कहा कि सरकारी कर्मचारी का वेतन थर्ड पार्टी जानकारी नहीं है। इसे स्वेच्छा से आइटीआइ अधिनियम की धारा 4(1)(बी)(एक्स) के तहत बताया जाए। उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोक प्राधिकरण कर्मियों को मिलने वाले वेतन का स्त्रोत जनता के टैक्स की रकम है। इसलिए आरटीआइ के तहत इसका खुलासा जरूर किया जाए।

श्रीधर ने कहा कि एक ही लोक प्राधिकरण के कर्मचारी या अधिकारी के वेतन को जानना थर्ड पार्टी जानकारी नहीं मानी जा सकती..ऐसे में थर्ड पार्टी जानकारी का बहाना कर लोक प्राधिकरण वेतन संबंधी आरटीआई आवेदनों को खारिज नहीं कर सकते।



उन्होंने दिल्ली सरकार के गृह विभाग को आगाह करते हुए कहा कि ऐसी जानकारी देने से मना करना न केवल गलत होगा बल्कि इस पर जुर्माना भी लग सकता है।

दरअसल यह चेतावनी ज्योति शेहरावत नामक महिला के संदर्भ में जारी की गई, उन्होंने गृह विभाग में तैनात अपने पति की सेलरी स्लिप देखनी चाही थी।

ज्योति को ये जानकारी देने से मना कर दिया गया, क्योंकि उनके पति ने लिखित तौर पर ऐसी जानकारी देने के लिए मना किया था।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें