रामपुर। उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के 32 वर्षीय युवक ने कभी नहीं सोचा था कि पाकिस्तानी युवती से प्रेम करना उसे कितना भारी पड़ सकता है। उसने यह भी नहीं सोचा था कि पाक प्रेमिका को लव लेटर लिखने और फोन कॉल्स करने से वह आईएसआई का एजेंट बन जाएगा। रामपुर का रहने वाला जावेद 15 साल पहले पाकिस्तान गया था। वहा कराची की रहने वाली मोबिना से पहली नजर में ही उसे प्यार हो गया। भारत वापस लौटने पर वह मोबिना को दिन को 2-3 बार कॉल करने से अपने आपको नहीं रोक पाया।
कैसे फंसा जावेद
जावेद जब भारत वापस लौटे तो उन्होंने मोबिना को लव लेटर लिखने शुरू किए और दिन में 2-3 बार फोन करते थे। जावेद अनपढ़ थे तो उन्होंने पत्र लिखने के लिए और मोबिना के पत्र जो कि उर्दू में होते थे पढ़ने के लिए अपने दो दोस्तों मकसूद और ताज मोहम्मद की मदद ली। जावेद और उसके दो दोस्तों की गतिविधियों के बारे में यूपी टास्क फोर्स को पता चला तो फोर्स ने उन्हें ट्रेस करना शुरू कर दिया। पुलिस ने जावेद और दोनों दोस्तों को 2002 में पोटा एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया।
आईएसआई एजेंट का आरोप
पुलिस ने जावेद पर आरोप लगाया कि वे आईएसआई केे एजेंट हैं। जावेद ने बताया कि उन्होंने जो मोबिना को पत्र लिखे थे और फोन कॉल्स की थी उसके बारे में पुलिस ने सोचा कि हम लोग बरेली, देरहादून और मेरठ के मिलट्री मुवमेंट के बारे में गुप्त सुचनाएं शेयर कर रहे हैं। पुलिस ने कोर्ट में उनके खिलाफ कई सबूत भी पेश किए थे। लेकिन सभी झूठे निकले।
झूठे निकले सबूत
जावेद को अपनी बेगुनाही साबित करने में 11 साल लग गए। उन्हें आखिर में 19 जनवरी 2014 को रामपुर कोर्ट ने सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया। पुलिस ने जावेद और उसके दोस्तों के खिलाफ कोर्ट में कई सबूत पेश किए थे जो कि सभी झूठे निकले। पुलिस ने हाथ से बना हुआ बरेली, देहरादून और मेरठ छावनी इलाके के नक्शे और साथ में उनका लिखा हुआ पत्र भी पेश किया था। बाद में जांच के दौरान नक्शे की लिखाई उनकी लिखाई से मैच नहीं कर रही थी।
पुलिस ने जावेद पर आरोप लगाया था कि जब वे पाकिस्तान गया था तो वहां आईएसआई एजेंट से मिला था। पुलिस ने पाकिस्तान का एक नंबर भी पेश किया था जिसे एजेंट के साथ बातचीत का सबूत बनाया गया था। लेकिन जांच के दौरान वह नंबर जावेद की महिला दोस्त मोबिना के घर का निकला। सबूतों के अभाव में पिछले साल उनपर से पोटा हटा दिया गया था और इस महीने उन्हें रिहा कर दिया गया
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