सोमवार, 27 जनवरी 2014

पाक जेलों में मौत को तड़प रहे भारतीय

नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेलों भारतीय कैदियों के साथ होने वाले अत्याचार चरम पर है।
यातनाओं के चलते भारतीय कैदी अपना दिमागी संतुलन खो रहे हैं।

पाक जेल में अपनी सजा काट चुके एक कैदी को इतनी यातनाएं दी गई की वो पागल हो गया।

सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत इस मामले में मिले एक जवाब में कहा गया है कि इसके लिए भारत सरकार द्वारा समय पर पाकिस्तान सरकार को उसकी नागरिकता स्पष्ट नहीं कर पाना है।

वर्तमान में पाकिस्तानी जेलों में 224 कैदी है जिनका कहना है कि वो भारतीय है, जबकि पाकिस्तानी अथॉरिटी ने 31 दिसंबर 2013 को सिर्फ 55 कैदियों के होने की बात स्वीकार की थी। इन 55 कैदियों में 6 ऎसे हैं जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है लेकिन उन्हें जेलों में जबरन रोका गया था। क्योंकि भारत सरकार द्वारा उनकी नागरिकता प्रमाणित नहीं की गई थी।

आरटीआई में ये बात भी सामने आई है कि पाक जेलों में बंद 224 कैदियों में से 212 मछुआरे हैं। जिसका कोई भी आंकड़ा भारत सरकार के पास नहीं है। आरटीआई के तहत सूचना मांगने वाले प्रदीप कुमार ने बताया कि अपनी सजा पूरी हो जाने के बाद भी भारतीय कैदी पाकिस्तानी जेलों में रहने को मजबूर हैं।

प्रदीप ने कहा कि भारत सरकार पाकिस्तान जेल में बंद कैदियों की नागरिकता संबंधित कोई भी जानकारी पाकिस्तान अथॉरिटी को उपलब्ध नहीं करा रही है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के बरेली जिले का रहने वाला यशपाल पाकिस्तान के शाहीवाल में केंदीय जेल में बंद था।

यशपाल को सजा पूरी होने के बाद भी भारत नहीं भेजा गया। पाकिस्तानी जेल में उसे इतनी यातनाएं दी गई की वो पागल हो गया जिसके बाद यशपाल को पिछले जुलाई में छोड़ा गया। जिसका बरेली के सिटी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा है।

उनके पिता बाबू राम का कहना है कि गरीबी के कारण वे अपने बेटे का इतना महंगा इलाज नहीं करवा सकते। यशपाल के साथ छ और कैदियों को छोड़ा गया था जिनकी भी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। पाकिस्तानी जेल में बंद 11 कैदियों ने भारत सरकार से यहां तक मांग की कि वो पाक सरकार से बात करके उनको मौत की सजा दिलवा दें, जिससे उनका दर्द कम हो सके।

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