बाड़मेर। ये ऊंघते रहे, वो खोदते रहे...बिल्कुल ऎसा ही हुआ है बाड़मेर शहर में। नगरपरिषद अधिकारियों की नींद जब तक खुलती, उससे पहले एक निजी कम्पनी ने मनमर्जी से शहर की सड़कों को जेसीबी से चीर डाला। कम्पनी ने चार किलोमीटर तक एक गुणा एक मीटर साइज के गbे खोदने की इजाजत ली थी, लेकिन इस इजाजत से परे जाकर 11.75 किलोमीटर तक सड़कों की खुदाई कर दी। गbे खोदने की बजाय सड़कों को जेसीबी से लम्बा चीर दिया गया। इससे परिषद को करीब 17 लाख रूपए का पलीता लग गया।
शहर में अण्डरग्राउण्ड 4 जी केबल बिछाने के लिए एक निजी कम्पनी को नगरपरिषद ने बीते वर्ष जुुलाई माह में इजाजत दी। कम्पनी ने स्टेशन रोड, रॉय कॉलोनी, कलक्ट्रेट, चौहटन रोड, इंदिरा कॉलोनी, ढाणी बाजार क्षेत्र में करीब चार किलोमीटर की लम्बाई (सड़कों की लम्बाई) तक एक गुणा एक मीटर क्षेत्रफल में गड्ढे खोदने के लिए 12 लाख 90 हजार रूपए जमा करवाए। इजाजत इस शर्त के साथ दी गई कि इनकी खुदाई के बाद भरपाई का काम भी कम्पनी ही करेगी। इसके बाद इस कम्पनी ने 4 जी केबल बिछाने का काम शुरू कर दिया। कम्पनी ने इजाजत की शर्ताे का उल्लंघन करते हुए चार किलोमीटर की बजाय 11.75 किलोमीटर सड़कें खोद दी। एक गुणा एक मीटर गड्ढों के स्थान पर कई जगह पर पाइप लाइन बिछाने की तरह सड़कों को चीर दिया। इस तरह कम्पनी ने अपना काम कर लिया। कम्पनी का काम होने के बाद नगरपरिषद अधिकारियों ने इसका मैजरमेण्ट बनवाया तो आंखें खुली रह गई।
खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे
इस पूरे मामले में ऊंघती रही नगरपरिषद की स्थिति खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसी हो गई है। नगरपरिषद ने 17 दिसम्बर को निजी कम्पनी के नाम नोटिस जारी किया, जिसमें इजाजत से अधिक सड़कों की खुदाईकरने पर 17 लाख 33 हजार 36 5 रूपए जमा करवाने को कहा। यह राशि पूर्व में जमा करवाई गई राशि के अतिरिक्त है। अब हालत यह है कि कम्पनी नगरपरिषद के नोटिस पर कान ही नहीं धर रही है।
नोटिस देकर इतिश्री
निजी कम्पनी से जुड़े इस मामले में नगरपरिषद ने कम्पनी को नोटिस देकर अपने कत्तüव्य की इतिश्री कर दी है। इस पूरे मामले में जिन अधिकारियों व कर्मचारियों के पास निगरानी का दायित्व था, उन्हें न तो नोटिस दिया गया है, न ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में लाई गई है। शहर में खुले आम इजाजत से अधिक हुई सड़कों की चीरफाड़ के मामले में नगरपरिषद ने कम्पनी के अलावा अपने किसी अधिकारी व कर्मचारी को उत्तरदायी नहीं माना है।
शहर में अण्डरग्राउण्ड 4 जी केबल बिछाने के लिए एक निजी कम्पनी को नगरपरिषद ने बीते वर्ष जुुलाई माह में इजाजत दी। कम्पनी ने स्टेशन रोड, रॉय कॉलोनी, कलक्ट्रेट, चौहटन रोड, इंदिरा कॉलोनी, ढाणी बाजार क्षेत्र में करीब चार किलोमीटर की लम्बाई (सड़कों की लम्बाई) तक एक गुणा एक मीटर क्षेत्रफल में गड्ढे खोदने के लिए 12 लाख 90 हजार रूपए जमा करवाए। इजाजत इस शर्त के साथ दी गई कि इनकी खुदाई के बाद भरपाई का काम भी कम्पनी ही करेगी। इसके बाद इस कम्पनी ने 4 जी केबल बिछाने का काम शुरू कर दिया। कम्पनी ने इजाजत की शर्ताे का उल्लंघन करते हुए चार किलोमीटर की बजाय 11.75 किलोमीटर सड़कें खोद दी। एक गुणा एक मीटर गड्ढों के स्थान पर कई जगह पर पाइप लाइन बिछाने की तरह सड़कों को चीर दिया। इस तरह कम्पनी ने अपना काम कर लिया। कम्पनी का काम होने के बाद नगरपरिषद अधिकारियों ने इसका मैजरमेण्ट बनवाया तो आंखें खुली रह गई।
खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे
इस पूरे मामले में ऊंघती रही नगरपरिषद की स्थिति खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसी हो गई है। नगरपरिषद ने 17 दिसम्बर को निजी कम्पनी के नाम नोटिस जारी किया, जिसमें इजाजत से अधिक सड़कों की खुदाईकरने पर 17 लाख 33 हजार 36 5 रूपए जमा करवाने को कहा। यह राशि पूर्व में जमा करवाई गई राशि के अतिरिक्त है। अब हालत यह है कि कम्पनी नगरपरिषद के नोटिस पर कान ही नहीं धर रही है।
नोटिस देकर इतिश्री
निजी कम्पनी से जुड़े इस मामले में नगरपरिषद ने कम्पनी को नोटिस देकर अपने कत्तüव्य की इतिश्री कर दी है। इस पूरे मामले में जिन अधिकारियों व कर्मचारियों के पास निगरानी का दायित्व था, उन्हें न तो नोटिस दिया गया है, न ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में लाई गई है। शहर में खुले आम इजाजत से अधिक हुई सड़कों की चीरफाड़ के मामले में नगरपरिषद ने कम्पनी के अलावा अपने किसी अधिकारी व कर्मचारी को उत्तरदायी नहीं माना है।
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