अलका पुनेवर ने टीवी धारावाहिकों के अलावा बॉलिवुड फिल्मों में भी काम किया है, इसलिए उसने अपने लापता होने की स्क्रिप्ट भी अपने प्रेमी के जरिए बॉलिवुड स्टाइल में लिखवाई। लेकिन आम अपराधियों की तरह उसने भी एक छोटी-सी गलती कर दी, एक बंद मोबाइल पर एसएमएस करके। इसी में मुंबई क्राइम ब्रांच को उनकी लोकेशन बुधवार को उसके बॉयफ्रेंड अमित पालीवाल के साथ चैन्ने की मिल गई और इस तरह अलका की झूठ की कहानी का पूरा पर्दाफाश हो गया।
अलका मूल रूप से ठाणे की रहने वाली हैं। उनकी दो शादियां हो चुकी हैं। वर्तमान पति संजय पुनेवर एयरफोर्स से जुड़े हैं। अलका को संजय से दो जुड़वां बच्चे हैं - प्रतीक और पीयूष, जिनकी उम्र 19-19 साल है जबकि पहले पति से अलका को एक लड़की है, जिसकी उम्र 24 साल है। इस लड़की की शादी भी हो चुकी है। पर 48 साल की अलका जिस अमित पालीवाल के साथ भागी, उस अमित की उम्र भी सिर्फ 24 साल है। यानी अलका की लड़की के बराबर।पुलिस सूत्रों का कहना है कि अलका ने मौत का यह ड्रामा इसलिए किया, ताकि तीसरी बार शादी करने से वह बदनाम न हो जाए। इसके लिए एक रणनीति के तहत उसने 27 दिसंबर को अपने पति से कहा कि उसे एक स्टेज शो में उरण और वहां से शूटिंग के लिए चेन्नै जाना है। उस दिन वह घर से तो निकली, लेकिन बाद में अपने प्रेमी के साथ भाग गई।
पार्टी में हुई दोस्ती
मुंबई क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने एनबीटी को बताया कि अमित ने इंजिनियरिंग की डिग्री के बाद एमबीए भी किया हुआ है। वह एसबीआई-लाइफ इंश्योरेंस में काम करता है। कुछ महीने पहले एक पार्टी में उसकी अलका से जान पहचान हुई थी। इसके बाद धीरे-धीरे दोनों के बीच अफेयर शुरू हो गया। बात जब आगे बढ़ी, तो दोनों ने भागने का फैसला किया, लेकिन भागने से पहले इस तरह की कहानी बनाई कि लगे कि वह भागी नहीं, बल्कि कार ऐक्सिडेंट में उसकी मौत हो गई।
इसके लिए 22 दिसंबर को 28 हजार रुपये की एक सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदी गई। इसके बाद 27 दिसंबर को अलका ने अपने पति संजय से कहा कि उसे किसी स्टेज शो के लिए उरण जाना है और फिर वहां से किसी शूटिंग के लिए चैन्ने। उसने पति से यह भी कहा कि ठाणे में उरण से स्टेज शो वालों की तरफ से कोई ड्राइवर कार लेकर आएगा, इसलिए पति ने अलका को अपनी कार से ठाणे स्टेशन पर छोड़ दिया। ठाणे में बाद में एक कार आई, पर यह कार किसी स्टेज शो वालों की नहीं थी, बल्कि वह कार थी, जो पांच दिन पहले खरीदी गई थी। इस कार में अलका का बॉयफ्रेंड अमित पालीवाल भी था और अमित का दोस्त संजीव कुमार भी।
साजिश में दोस्त भी साथ
सीनियर इंस्पेक्टर नंदकुमार गोपाले के अनुसार, अमित और संजीव यूपी के मूल निवासी हैं और स्कूल में पढ़ाई के जमाने से दोस्त हैं। संजीव मुंबई में एयरटेल में जॉब करता है। अमित और संजीव ने एक रणनीति के तहत कार से अलका को सीएसटी छोड़ा और इसके बाद दोनों कार से निकल लिए। लेकिन अलका सीएसटी से ट्रेन से नहीं, बल्कि बस से उरण गई। दूसरी ओर अमित और संजीव कार से उरण पहुंचे। यहां तीनों ने साथ में पार्टी की। इसके बाद अलका उरण से पुणे चली गई, जबकि अमित और संजीव अपनी कार को मुंबई-पुणे हाइवे पर खोपोली के पास एक जगह ले गए जहां गहरी खाई है। यहां से कार को नीचे फेंकने का फैसला किया गया, लेकिन नीचे फेंकने से पहले दोनों ने एक रणनीति के तहत कार में अलका के पासपोर्ट के कागज डाल दिए। बाद में इन्होंने कार 900 फीट गहरी खाई में धकेल दिया।
ड्राइवरों के जरिए फैलाई हादसे की बात
कार खाड़ी में फेंक दी गई है, इसका सबको पता कैसे चलेगा? इसके लिए अमित और उसके दोस्त संजीव ने एक अनूठी तरकीब अपनाई। दोनों बीच सड़क पर आए और उन्होंने सड़क से गुजर रहे ट्रक चालकों को रोका और बोले कि उन्होंने एक कार को अभी नीचे गिरते देखा है, उसमें पूरी फैमिली दिख रही थी। चालक फौरन ट्रक से उतर कर खाड़ी की तरफ भागे। धीरे-धीरे जब और भी लोग वहां इकट्ठा हो गए , तो अमित और संजीव हलके से वहां से खिसक लिए और फिर बस के रास्ते पुणे के लिए रवाना हो गए। पुणे से फिर अमित और अलका बेंगलुरु और फिर वहां से चैन्ने के लिए निकल लिए, जबकि अमित का दोस्त संजीव मुंबई वापस आ गया।
SMS का खेल
कार को खाई में धकेलने के बाद पुणे रवाना होने के दौरान अमित ने अलका के मोबाइल से (जो अमित के पास ही था) संजय पुनेकर को 28 दिसंबर की सुबह 4 बजकर 40 मिनट पर एसएमएस कर दिया कि वह उसके बेटे प्रतीक का रेज्युमे एक खास कंपनी को ई-मेल कर दे। प्रतीक इंजिनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। दूसरी ओर खाई के पास जमा भीड़ में से किसी ने खोपोली पुलिस को इस कार के खाई में पड़े होने की सूचना दे दी। सूचना मिलने के बाद पुलिस फौरन घटनास्थल पर पहुंची और फिर स्थानीय लोगों की मदद से खाई में नीचे उतर कर देखा तो पुलिस को नीचे कार में चाबी तो लगी मिली, पर किसी की लाश नहीं दिखी। पहले शक हुआ कि शायद जानवर लाश खा गए हों, पर सवाल उठा कि यदि ऐसा होता, तो लाश के कुछ टुकड़े तो मिलते।
पासपोर्ट से हुई शिनाख्त
पुलिस इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश कर रही थी कि पुलिस को कार में एक पासपोर्ट के कुछ कागजात दिखे। जब इन कागजात को गौर से देखा गया, तो पता चला कि यह किसी अलका पुनेवर के कागजात हैं, पर ये आर्डिनरी पासपोर्ट के नहीं नहीं, बल्कि तत्काल पासपोर्ट के कागजात हैं। तत्काल पासपोर्ट के लिए किसी बड़े अधिकारी का रिफरेंस देना होता है, इसलिए इन कागजात में एक आईपीएस अधिकारी का नाम लिखा हुआ था। जब पुलिस ने इस आईपीएस अधिकारी से संपर्क किया , तो उनसे अलका के नागपुर स्थित भाई अनिल मिश्रा का नंबर मिला। खोपोली पुलिस ने फौरन अनिल को फोन लगाया और इसके बाद अनिल ने ठाणे में अलका के पति संजय पुनेवर को। पति फौरन घटनास्थल पर पहुंचा, उसने पासपोर्ट के कागजात के आधार पर अलका के फोटो को तो पहचान लिया , लेकिन वह कार को नहीं पहचान पाया।
एक मोबाइल, दो SMS
चूंकि कार में किसी की लाश नहीं मिली थी, इसलिए गहन छानबीन के वास्ते ठाणे और खोपोली पुलिस के साथ मुंबई क्राइम ब्रांच के प्रॉपर्टी सेल ने भी मामले की छानबीन शुरू कर दी। मुंबई क्राइम ब्रांच ने जब अलका के मोबाइल का प्रिंटआउट निकाला, तो जांच में पता चला कि 28 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 40 मिनट पर जब अलका के पति को बेटे प्रतीक के रेज्युमे के वास्ते एसएमएस किया गया था, तो उसके कुछ सेकेंड बाद एक और नंबर पर भी एक एसएमएस किया गया था। मुंबई क्राइम ब्रांच ने जब इस दूसरे एसएमएस वाले नंबर की पड़ताल की, तो पता चला कि यह किसी अमित पालीवाल का नंबर है और वह नंबर जुलाई में ही बंद हो चुका है।
मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस बंद नंबर का जब पुराना रिकॉर्ड निकाला, तो उसमें क्राइम ब्रांच को अमित पालीवाल का एक नया नंबर मिला। इस नए नंबर का जब प्रिंटआउट निकाला गया, तो उसमें अलका से अमित के नियमित बातचीत के सबूत मिले। अमित के इस नए नंबर में मुंबई क्राइम ब्रांच को एक और भी नंबर मिला। यह अमित के दोस्त संजीव कुमार का नंबर था। मुंबई क्राइम ब्रांच ने जब संजीव को पूछताछ के लिए उठाया, तो अलका और अमित की पूरी लव स्टोरी और दोनों के साथ भागने की विस्तार से कहानी पता चली। संजीव से पूछताछ में यह भी पता चला कि अलका अतीत में अपने पति संजय पुनेव को यह बताकर भी घर से निकली थी कि वह किसी फिल्म या टीवी सीरियल की शूटिंग के लिए बैंकॉक जा रही है, पर हकीकत में वह बैंकॉक नहीं, बेंगलुरु जाती थी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें