संगरूर. पिछले 9 साल से मेरा व उसका अफेयर था। लेकिन मेरी शादी हो गई थी और मैं अपने डेढ़ साल के बेटे व पति के साथ खुश थी, लेकिन गांव लसोई मलेरकोटला जिला संगरूर का रहने वाले 40 साल का हरप्रीत सिंह पुत्र जगदेव सिंह मेरी जिंदगी को बर्बाद कर रहा था। इस कारण उसको मारने का फैसला लिया।
यह बातें क्राइम ब्रांच व सदर खरड़ पुलिस थाना टीम को हरप्रीत मर्डर केस में पकड़ी आरोपी महिला 33 साल की अमनदीप कौर ने कही। पुलिस ने गत 2 जनवरी को रंधावा रोड पर खेतों से मिले अज्ञात के मर्डर की गुत्थी सुलझाते हुए खरड़ दीप नगर में रहने वाली अमनदीप कौर, उसके पति राजविंदर सिंह व नौकर दर्शन को हत्या, सबूत मिटाने के केस में पकड़ा है।
जहां तीनों आरोपियों को सोमवार को कोर्ट में पेश कर दो दिन के पुलिस रिमांड पर ले लिया है। सदर थाना प्रभारी मंजीत सिंह ने बताया कि आरोपियों की निशानदेही पर रजाई का गिलाफ, लकड़ी की पेटी व स्विफ्ट कार बरामद की है। जिनका हत्या के लिए प्रयोग किया गया।
बोली मेरे पति आ गए हैं छुप जाओ
गत एक जनवरी को ट्रांसपोर्टर हरप्रीत सिंह खरड़ में अमनदीप से मिलने के लिए उसके घर आ गया। अमनदीप ने अपने माथे पर बिना शिरकत डाले हरप्रीत को चाय पिलाई। हरप्रीत ने जैसे ही चाय खत्म की अमनदीप ने उसको कहा कि लगता है उसका पति राजविंदर घर आ गया।
अमनदीप ने हरप्रीत को छिपने को कहा। हरप्रीत ने छुपने के लिए जगह पूछी तो अमनदीप ने पेटी का ढक्कन उठाते हुए उसमें छुपने को कहा। हरप्रीत पेटी के अंदर छुप गया और अमनदीप ने ढक्कन की कुंडी लगा दी। थोड़ी देर बाद हरप्रीत का दम घुटने लगा तो उसने झटपटाना शुरू किया और अंदर से ढक्कन खोलने के लिए आवाजें लगाई, लेकिन अमनदीप ने कुंडी नहीं खोली और हरप्रीत कुछ समय बाद मर गया।
कुछ यूं हुआ हत्या का खुलासा
एसएसपी इंद्रमोहन सिंह ने बताया कि क्योंकि शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी तो पुलिस ने शिनाख्त के लिए पंजाब, हिमाचल व अन्य एरिया में फोटो भेजी थी। तभी पुलिस को कुछ दिन पहले सूचना मिली कि खन्ना थाने में एक हरप्रीत नाम के शख्स की मिसिंग रिपोर्ट उसके भाई ने दर्ज करवाई है।
पुलिस ने हरप्रीत की फोटो का मिलान करवाया तो शिनाख्त हो पाई। जिसके बाद पुलिस की इन्वेस्टिगेशन शुरू हुई और पुलिस ने खेतों के पास का मोबाइल का डंप डाटा उठाया। जिसके बाद यह जांच आगे बड़ी और केस सॉल्व हो गया। हालांकि पुलिस ने हरप्रीत का 7 जनवरी को संस्कार खुद ही कर दिया था।
चार दिनों तक पेटी में ही बंद करके रखी हुई थी लाश
अमनदीप ने दो दिन तक तो इसका पता नहीं चलने दिया। जब शब से बद्बू आनी शुरू हुई तो उसने अपने पति को सारी बात बताई। जिसके बाद राजविंदर ने अपने नौकर दर्शन सिंह के साथ मिलकर शव को पेटी से निकालकर रजाई के गिलाफ में लपेट कर अपनी स्विफ्ट कार में डालकर 4 जनवरी की देर रात रंधावा रोड खेतों में फेंक दिया। 5 जनवरी की सुबह खेतों के मालिक शमशेर सिंह बडाली ने जब शव देखा तो पुलिस को सूचित किया।
यह बातें क्राइम ब्रांच व सदर खरड़ पुलिस थाना टीम को हरप्रीत मर्डर केस में पकड़ी आरोपी महिला 33 साल की अमनदीप कौर ने कही। पुलिस ने गत 2 जनवरी को रंधावा रोड पर खेतों से मिले अज्ञात के मर्डर की गुत्थी सुलझाते हुए खरड़ दीप नगर में रहने वाली अमनदीप कौर, उसके पति राजविंदर सिंह व नौकर दर्शन को हत्या, सबूत मिटाने के केस में पकड़ा है।
जहां तीनों आरोपियों को सोमवार को कोर्ट में पेश कर दो दिन के पुलिस रिमांड पर ले लिया है। सदर थाना प्रभारी मंजीत सिंह ने बताया कि आरोपियों की निशानदेही पर रजाई का गिलाफ, लकड़ी की पेटी व स्विफ्ट कार बरामद की है। जिनका हत्या के लिए प्रयोग किया गया।
बोली मेरे पति आ गए हैं छुप जाओ
गत एक जनवरी को ट्रांसपोर्टर हरप्रीत सिंह खरड़ में अमनदीप से मिलने के लिए उसके घर आ गया। अमनदीप ने अपने माथे पर बिना शिरकत डाले हरप्रीत को चाय पिलाई। हरप्रीत ने जैसे ही चाय खत्म की अमनदीप ने उसको कहा कि लगता है उसका पति राजविंदर घर आ गया।
अमनदीप ने हरप्रीत को छिपने को कहा। हरप्रीत ने छुपने के लिए जगह पूछी तो अमनदीप ने पेटी का ढक्कन उठाते हुए उसमें छुपने को कहा। हरप्रीत पेटी के अंदर छुप गया और अमनदीप ने ढक्कन की कुंडी लगा दी। थोड़ी देर बाद हरप्रीत का दम घुटने लगा तो उसने झटपटाना शुरू किया और अंदर से ढक्कन खोलने के लिए आवाजें लगाई, लेकिन अमनदीप ने कुंडी नहीं खोली और हरप्रीत कुछ समय बाद मर गया।
कुछ यूं हुआ हत्या का खुलासा
एसएसपी इंद्रमोहन सिंह ने बताया कि क्योंकि शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी तो पुलिस ने शिनाख्त के लिए पंजाब, हिमाचल व अन्य एरिया में फोटो भेजी थी। तभी पुलिस को कुछ दिन पहले सूचना मिली कि खन्ना थाने में एक हरप्रीत नाम के शख्स की मिसिंग रिपोर्ट उसके भाई ने दर्ज करवाई है।
पुलिस ने हरप्रीत की फोटो का मिलान करवाया तो शिनाख्त हो पाई। जिसके बाद पुलिस की इन्वेस्टिगेशन शुरू हुई और पुलिस ने खेतों के पास का मोबाइल का डंप डाटा उठाया। जिसके बाद यह जांच आगे बड़ी और केस सॉल्व हो गया। हालांकि पुलिस ने हरप्रीत का 7 जनवरी को संस्कार खुद ही कर दिया था।
चार दिनों तक पेटी में ही बंद करके रखी हुई थी लाश
अमनदीप ने दो दिन तक तो इसका पता नहीं चलने दिया। जब शब से बद्बू आनी शुरू हुई तो उसने अपने पति को सारी बात बताई। जिसके बाद राजविंदर ने अपने नौकर दर्शन सिंह के साथ मिलकर शव को पेटी से निकालकर रजाई के गिलाफ में लपेट कर अपनी स्विफ्ट कार में डालकर 4 जनवरी की देर रात रंधावा रोड खेतों में फेंक दिया। 5 जनवरी की सुबह खेतों के मालिक शमशेर सिंह बडाली ने जब शव देखा तो पुलिस को सूचित किया।
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