नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने का फैसला किया है। पीटीआई के मुताबिक सोमवार को कैबिनेट की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। गौरतलब है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस मुद्दे पर काफी ऐक्टिव नजर आ रहे थे। सोमवार को जैन समाज के लोगों से मिलने के बाद उन्होंने इस सिलसिले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी। तभी से अटकलें थीं कि कैबिनेट मंगलवार को यह अहम फैसला ले सकती है।
देश में जैन समुदाय कुल आबादी का सिर्फ 2 प्रतिशत ही है। पंजाब में जैन समुदाय ने केंद्र सरकार से माइनॉरिटी स्टेटस की मांग की थी ताकि उनके समुदाय के लोग भी उन स्कॉलरशिप और फंड्स का फायदा पा सकें जो अल्पसंख्यकों के लिए पीएम के 15 सूत्री कार्यक्रम के तहत दिया जाता है।
जैन समुदाय को अभी सिर्फ 13 राज्यों जिनमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, झारखंड और उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं, में ही माइनॉरिटी का दर्जा हासिल है। वे राष्ट्रीय स्तर पर यह दर्जा पाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि हमारे जन्म, मृत्यु और विवाह के संस्कार हिंदुओं से अलग हैं।एक बार अधिसूचना जारी हो जाने पर जैन समुदाय देश का छठा धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय बन जाएगा। अभी मुस्लिम, सिख, बौद्ध, ईसाई और पारसियों को ही यह दर्जा हासिल है।
केंद्र सरकार ने जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने का फैसला किया है। पीटीआई के मुताबिक सोमवार को कैबिनेट की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। गौरतलब है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस मुद्दे पर काफी ऐक्टिव नजर आ रहे थे। सोमवार को जैन समाज के लोगों से मिलने के बाद उन्होंने इस सिलसिले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी। तभी से अटकलें थीं कि कैबिनेट मंगलवार को यह अहम फैसला ले सकती है।
देश में जैन समुदाय कुल आबादी का सिर्फ 2 प्रतिशत ही है। पंजाब में जैन समुदाय ने केंद्र सरकार से माइनॉरिटी स्टेटस की मांग की थी ताकि उनके समुदाय के लोग भी उन स्कॉलरशिप और फंड्स का फायदा पा सकें जो अल्पसंख्यकों के लिए पीएम के 15 सूत्री कार्यक्रम के तहत दिया जाता है।
जैन समुदाय को अभी सिर्फ 13 राज्यों जिनमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, झारखंड और उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं, में ही माइनॉरिटी का दर्जा हासिल है। वे राष्ट्रीय स्तर पर यह दर्जा पाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि हमारे जन्म, मृत्यु और विवाह के संस्कार हिंदुओं से अलग हैं।एक बार अधिसूचना जारी हो जाने पर जैन समुदाय देश का छठा धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय बन जाएगा। अभी मुस्लिम, सिख, बौद्ध, ईसाई और पारसियों को ही यह दर्जा हासिल है।
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