झालावाड़। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने घूसखोरों पर अपनी कार्रवाई जारी रखते हुए झालावाड़ कोतवाली थाने के सीआई के गिरफ्तार किया। झालावाड़ कोतवाली के वृत्त निरीक्षक बृजमोहन देवराज को रविवार दोपहर गिरफ्तार किया गया। सीआई ने केस बंद करने के मामले में रिश्वत मांगी थी। हालांकि सीआई ने खुद को फंसाने का आरोप लगाया।
एसीबी के कोटा कार्यालय के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल सिंह कानावत ने बताया कि एचडीएफसी बैंक में मनोज शर्मा रिकवरी एजेंट के रूप में काम करता है। रिकवरी के रूपयों के मामले को लेकर बैंक ने मनोज के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। बाद में दोनों के बीच मामला सुलट गया। इसी दौरान दर्ज रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने मनोज को कोतवाली में बैठा लिया।
उसके चचेरे भाई जितेन्द्र ने जब सीआई बृजमोहन से इस मामले में बात की तो सीआई ने उसे भी आरोपी बनाने की धमकी दी। ऎसा न हो इसके लिए सीआई ने जितेन्द्र से 1.60 लाख रूपये मांगे। बाद में मामला रफा दफा करने के लिए 40 हजार पर बात बनी। जितेन्द्र ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई। इस पर रविवार को एक टोली का गठन किया।
इस पर जितेन्द्र ने सीआई को चालीस हजार रूपए दे दिए। सीआई ने पैसे लेकर अपनी मेज की दराज में रख लिए। इशारा पाकर एसीबी ने सीआई को गिरफ्तार कर लिया।
एसीबी के कोटा कार्यालय के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल सिंह कानावत ने बताया कि एचडीएफसी बैंक में मनोज शर्मा रिकवरी एजेंट के रूप में काम करता है। रिकवरी के रूपयों के मामले को लेकर बैंक ने मनोज के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। बाद में दोनों के बीच मामला सुलट गया। इसी दौरान दर्ज रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने मनोज को कोतवाली में बैठा लिया।
उसके चचेरे भाई जितेन्द्र ने जब सीआई बृजमोहन से इस मामले में बात की तो सीआई ने उसे भी आरोपी बनाने की धमकी दी। ऎसा न हो इसके लिए सीआई ने जितेन्द्र से 1.60 लाख रूपये मांगे। बाद में मामला रफा दफा करने के लिए 40 हजार पर बात बनी। जितेन्द्र ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई। इस पर रविवार को एक टोली का गठन किया।
इस पर जितेन्द्र ने सीआई को चालीस हजार रूपए दे दिए। सीआई ने पैसे लेकर अपनी मेज की दराज में रख लिए। इशारा पाकर एसीबी ने सीआई को गिरफ्तार कर लिया।
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