पिथौरागढ: सालाना कैलाश मानसरोवर यात्रा इस साल नौ जून से शुरू होगी। विदेश मंत्रालय ने चीन सरकार और अन्य एजेन्सियों से बातचीत कर यात्रा नौ जून से शुरू करने का निर्णय किया है। गत वर्ष उत्तराखंड में जून के मध्य में अचानक आयी बाढ से यह यात्रा स्थगित कर दी गयी थी।
निगम के प्रबंध निदेशक दीपक रावत ने बताया कि श्रद्धालुओं का पहला जत्था नयी दिल्ली से 12 जून को कुमाउं पहुंचेगा और 13 जून को धारचुला के आधार शिविर पहुंचेगा। यात्रा नौ सितम्बर को समाप्त होगी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिये 60-60 श्रद्धालुओं के 18 जत्थे भेजे जायेंगे और प्रत्येक जत्थे की यात्रा 22 दिन की होगी।
रावत ने कहा कि प्रत्येक श्रद्धालु को इस यात्रा के लिये भारतीय भूभाग पर 32 हजार रूपये देने होंगे जबकि चीनी भूभाग में चीनी अधिकारियों को 901 अमेरिकी डालर अदा करने होंगे। उन्होंने कहा कि इस साल यात्रा के मार्ग में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया जायेगा और यह काठगोदाम, अल्मोडा, दानिया, पिथौरागढ, धारचूला, सिरखा, गाला, बूंदी गुमटी, कालापानी, नाभीडांगा और लिपुलेख दर्रा से गुजरेगी।
निगम के प्रबंध निदेशक दीपक रावत ने बताया कि श्रद्धालुओं का पहला जत्था नयी दिल्ली से 12 जून को कुमाउं पहुंचेगा और 13 जून को धारचुला के आधार शिविर पहुंचेगा। यात्रा नौ सितम्बर को समाप्त होगी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिये 60-60 श्रद्धालुओं के 18 जत्थे भेजे जायेंगे और प्रत्येक जत्थे की यात्रा 22 दिन की होगी।
रावत ने कहा कि प्रत्येक श्रद्धालु को इस यात्रा के लिये भारतीय भूभाग पर 32 हजार रूपये देने होंगे जबकि चीनी भूभाग में चीनी अधिकारियों को 901 अमेरिकी डालर अदा करने होंगे। उन्होंने कहा कि इस साल यात्रा के मार्ग में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया जायेगा और यह काठगोदाम, अल्मोडा, दानिया, पिथौरागढ, धारचूला, सिरखा, गाला, बूंदी गुमटी, कालापानी, नाभीडांगा और लिपुलेख दर्रा से गुजरेगी।
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