नई दिल्ली। क्या अरविंद केजरीवाल बदल गए हैं? आपको खुद पता नहीं हो लेकिन केजरीवाल और सीएम केजरीवाल में बहुत अंतर है।
केजरीवाल ने अपने दो चुनावी वायदे, बिजली का बिल कम करना और मुफ्त पानी को पूरा किया है। लेकिन कुछ मामलों में उनका रवैया कतई बदल गया है।
हम यहां आपको बता रहे हैं ऎसे ही 6 मामलों के बारे में जिन पर दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने से पहले यानी चुनावों से पहले केजरीवाल ने बड़े-बड़े वायदे किए थे लेकिन बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया।
नहीं मिलाएंगे कांग्रेस से हाथ
विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा था वे सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी से गठबंधन नहीं करेंगे। लेकिन उन्होंने यू-टर्न लेते हुए सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से हाथ मिला लिया।
वीआईपी कल्चर को खत्म करेंगे
केजरीवाल और उनकी सरकार के मंत्रियों ने बड़े सरकारी बंगलों में रहने से इनकार करते हुए वीआईपी कल्चर को खत्म करने की बात कही थी। पर केजरीवाल ने एक पांच कमरों के बड़े फ्लैट में जाने का मन बनाया। लेकिन इस पर उनकी तीखी आलोचना होने के बाद ऎसा नहीं किया। और अधिकारियों से कहा कि उनके लिए एक छोटे घर की व्यवस्था की जाए।
लग्जरी गाडियों में सवार मंत्री
एक ओर जहां अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए मेट्रो में सवार होकर रामलीला मैदान पहुंचे थे। वहीं अगले दिन उनकी सरकार के मंत्री विधानसभा सरकारी लग्जरी गाड़ी टोयोटा इनोवा में सवार होकर आए।
यही नहीं गाडियों पर नंबर भी वीआईपी था। हालांकि इस पर केजरीवाल ने सफाई दी थी कि उन्होंने कभी नहीं कहा था कि मंत्री सरकारी गाड़ी का प्रयोग नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने लाल बत्ती का प्रयोग करने के लिए मना किया था।
नहीं लगाएंगे जनता दरबार
केजरीवाल ने जनता की समस्याओं को सुनने के लिए जनता दरबार लगाने का ऎलान किया था। लेकिन दरबार में लोगों की भीड़ बढ़ने के बाद उन्होंने इसे बंद करने की घोषणा कर दी।
उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं को सुनने के लिए हम किसी और चैनल का प्रयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि अब दरबार में नहीं ऑनलाइन अपनी शिकायत भेजें।
अनधिकृत कॉलोनियां को नियमित करेंगे
केजरीवाल ने दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का वादा किया था। लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि इसमें कई कानूनी अड़चनें हैं।
नहीं लेंगे सुरक्षा
केजरीवाल ने खुद के लिए किसी भी तरह की सुरक्षा लेने के लिए मना किया था। लेकिन यूपी सरकार ने उनको जेड श्रेणी की सुरक्षा दी है। उनकी सुरक्षा में हर समय 30 जवान मुस्तैद रहते हैं।
केजरीवाल ने अपने दो चुनावी वायदे, बिजली का बिल कम करना और मुफ्त पानी को पूरा किया है। लेकिन कुछ मामलों में उनका रवैया कतई बदल गया है।
हम यहां आपको बता रहे हैं ऎसे ही 6 मामलों के बारे में जिन पर दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने से पहले यानी चुनावों से पहले केजरीवाल ने बड़े-बड़े वायदे किए थे लेकिन बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया।
नहीं मिलाएंगे कांग्रेस से हाथ
विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा था वे सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी से गठबंधन नहीं करेंगे। लेकिन उन्होंने यू-टर्न लेते हुए सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से हाथ मिला लिया।
वीआईपी कल्चर को खत्म करेंगे
केजरीवाल और उनकी सरकार के मंत्रियों ने बड़े सरकारी बंगलों में रहने से इनकार करते हुए वीआईपी कल्चर को खत्म करने की बात कही थी। पर केजरीवाल ने एक पांच कमरों के बड़े फ्लैट में जाने का मन बनाया। लेकिन इस पर उनकी तीखी आलोचना होने के बाद ऎसा नहीं किया। और अधिकारियों से कहा कि उनके लिए एक छोटे घर की व्यवस्था की जाए।
लग्जरी गाडियों में सवार मंत्री
एक ओर जहां अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए मेट्रो में सवार होकर रामलीला मैदान पहुंचे थे। वहीं अगले दिन उनकी सरकार के मंत्री विधानसभा सरकारी लग्जरी गाड़ी टोयोटा इनोवा में सवार होकर आए।
यही नहीं गाडियों पर नंबर भी वीआईपी था। हालांकि इस पर केजरीवाल ने सफाई दी थी कि उन्होंने कभी नहीं कहा था कि मंत्री सरकारी गाड़ी का प्रयोग नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने लाल बत्ती का प्रयोग करने के लिए मना किया था।
नहीं लगाएंगे जनता दरबार
केजरीवाल ने जनता की समस्याओं को सुनने के लिए जनता दरबार लगाने का ऎलान किया था। लेकिन दरबार में लोगों की भीड़ बढ़ने के बाद उन्होंने इसे बंद करने की घोषणा कर दी।
उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं को सुनने के लिए हम किसी और चैनल का प्रयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि अब दरबार में नहीं ऑनलाइन अपनी शिकायत भेजें।
अनधिकृत कॉलोनियां को नियमित करेंगे
केजरीवाल ने दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का वादा किया था। लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि इसमें कई कानूनी अड़चनें हैं।
नहीं लेंगे सुरक्षा
केजरीवाल ने खुद के लिए किसी भी तरह की सुरक्षा लेने के लिए मना किया था। लेकिन यूपी सरकार ने उनको जेड श्रेणी की सुरक्षा दी है। उनकी सुरक्षा में हर समय 30 जवान मुस्तैद रहते हैं।
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