जयपुर। शायद ही किसी की जानकारी में हो कि देश में एक ऎसा कानून भी है, जो पतंगबाजी पर भी कुछ हद तक पाबंदी लगाता है। अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे एयरक्राफ्ट एक्ट में पतंग को एयरक्राफ्ट माना गया है और इससे किसी की जान जोखिम में पड़ने पर दो साल तक की सजा अथवा दस लाख रूपए तक का जुर्माना हो सकता है।
पतंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कांच वाले मांझे पर राज्य सरकार ने पाबंदी तो लगा दी है, लेकिन एयरक्राफ्ट कानून के प्रावधान अधिकारियों की नजरों में भी नहीं आ पाए हैं।
राजस्थान पत्रिका ने 1934 के इस कानून के बारे में विधि विशेष्ाज्ञों से बात की तो, एकबारगी वे भी चौंक गए। जब एयरक्राफ्ट एक्ट पढ़ाया तो बोले हां, पतंग भी इस एक्ट के तहत एयरक्राफ्ट की श्रेणी में है।
विंग कमाण्डर प्रफुल्ल बख्शी कहते हैं कि पतंग एयरक्राफ्ट एक्ट के तहत एयरक्राफ्ट की परिभाष्ाा में है, एक्ट के प्रावधान पतंग पर भी लागू हैं।
राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल कहते हैं कि एयरक्राफ्ट सम्बन्धी कानून के जानकार एयरक्राफ्ट एक्ट की धारा 11 के तहत 10 लाख रू. तक जुर्माना या दो साल की सजा भी हो सकती है।
पतंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कांच वाले मांझे पर राज्य सरकार ने पाबंदी तो लगा दी है, लेकिन एयरक्राफ्ट कानून के प्रावधान अधिकारियों की नजरों में भी नहीं आ पाए हैं।
राजस्थान पत्रिका ने 1934 के इस कानून के बारे में विधि विशेष्ाज्ञों से बात की तो, एकबारगी वे भी चौंक गए। जब एयरक्राफ्ट एक्ट पढ़ाया तो बोले हां, पतंग भी इस एक्ट के तहत एयरक्राफ्ट की श्रेणी में है।
विंग कमाण्डर प्रफुल्ल बख्शी कहते हैं कि पतंग एयरक्राफ्ट एक्ट के तहत एयरक्राफ्ट की परिभाष्ाा में है, एक्ट के प्रावधान पतंग पर भी लागू हैं।
राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल कहते हैं कि एयरक्राफ्ट सम्बन्धी कानून के जानकार एयरक्राफ्ट एक्ट की धारा 11 के तहत 10 लाख रू. तक जुर्माना या दो साल की सजा भी हो सकती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें