रविवार, 8 दिसंबर 2013

एक जगह हारे तो दूसरी जगह जीते किरोड़ी गोलमा

एक जगह हारे तो दूसरी जगह जीते किरोड़ी गोलमा 

जयपुर। प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ तीसरे मोर्चे के रूप में राजपा को खड़े करने वाले किरोड़ीलाल मीणा को करारा झटका लगा है।

कांग्रेस की आंधी में उनके दावे हवा में उड़ गए। राजपा को केवल 4 सीटों पर जीत मिली हैं।

जीती गई 4 सीटों में से एक सीट लालसोट से किरोड़ी लाल और दूसरी सीट राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ से उनकी पत्नी गोलमा देवी चुनाव जीती हैं।

वहीं किरोड़ी को सवाईमाधोपुर सीट से भाजपा की दीया कुमारी ने हरा दिया। वहीं महवा से भजपा के ओमप्रकाश हुड़ला ने गोलमा देवी को हरा दिया।

शायद पहले ही दोनों को हार का डर था इसी के चलते दोनों ने दो-दो जगह से चुनाव लड़ा। खैर अब नतीजों से उनके किंगमेंकर बनने के दावे हवा में उड़ गए।

विधानसभा चुनाव 2008 में टिकट वितरण को लेकर वसुंधरा से नाराज होकर किरोड़ी ने भाजपा से अलग होकर खुद के बूते सियासत का नया अध्याय लिखने की ठानी।

उन्होंने अपनी पत्नी गोलमा को दौसा की महवा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ाया। इस सीट पर वे जीत भी गई और गहलोत सरकार में मंत्री भी रहीं। खुद किरोड़ी लाल ने दौसा लोकसभा सीट से नर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते।

लेकिन 2013 के विधानसभा चुनाव में शायद उनकी जातीय आधार पर की जा रही सियासत को जनता भांप गई। और उनको खुद के दबदबे वाले क्षेत्रों में भी मुंह की खानी पड़ी। यहीं नहीं उनके खुद के विधानसभा क्षेत्र महवा में भी उनकी पत्नी को मात मिली। मालूम हो कि महवा से ही किराड़ी लाल के भतीजे पप्पू मीणा प्रधान हैं।

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