गुरुवार, 26 दिसंबर 2013

सोनिया की रखी रिफाइनरी की "नींव"पर होगी जांच!



कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जिस रिफाइनरी की नींव रखी थी जल्द ही वह जांच दायरे में आ सकती है। दरअसल, राजस्थान की पिछली कांग्रेस सरकार ने रिफाइनरी का स्थान अंतिम छह माह में लीलाला से बदल कर पचपदरा किया था, जबकि लीलाला तय जगह थी।

राजस्थान में अब सत्ता परिवर्तन के बाद वसुंधरा राजे के नेतृत्व में नई सरकार बनी है जो पिछली सरकार के इस महत्वाकांक्षी रिफाइनरी प्रोजेक्ट की समीक्षा करवाने जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक सरकार के छह माह के कामों की जांच के लिए बनाई जा रही सूची में रिफाइनरी प्रोजेक्ट भी शामिल है।

हर हाल में होगी समीक्षा - कटारिया

पिछली सरकार के अंतिम छह माह के दौरान हुए निर्णयों की जांच के लिए गठित केबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष ग्रामीण विकास एवं पंचायत राजमंत्री गुलाबचंद कटारिया का कहना है, रिफाइनरी प्रोजेक्ट में छह माह में बदलाव किए गए। ऎसे में हर हाल में इसकी समीक्षा होगी।

शांत बैठे हैं एचपीसीएल के अधिकारी

उधर, नई सरकार के रूख को देख एचपीसीएल के अधिकारी भी शांत बैठे हैं। वे अब राज्य सरकार के निमंत्रण का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि नई सरकार उन्हं प्रोजेक्ट पर चर्चा के लिए जल्द बुलाएगी।

12 दिन पहले रखी आधारशिला

आचार संहिता लगने से 12 दिन पहले ही रिफाइनरी की आधारशिला रखी गई थी, पर अभी तक मौके पर एक ईट भी नहीं रखी गई है। जगह बदलने पर भाजपा ने अशोक गहलोत पर अपने गृह जिले जोधपुर को लाभ पहुंचाने लगाए थे।

कृपा की जरूरत नहीं, बनाएं जांच आयोग - गहलोत

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बदले की भावना से काम न करने के बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को यहां कहा कि उन्हें कृपा की जरूरत नहीं है। अगर उन्हें जांच ही करवाना है तो एक्ट के तहत हाईकोर्ट के जज की अध्यक्षता में आयोग बना दें। वे उनकी पिछली भाजपा और कांगे्रस की निवर्तमान सरकार के पांच साल के कार्यो की जांच करवा सकती हैं।

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