भोपाल। फिल्म "जादूगर" में अमिताभ ने "पड़ोसन अपनी मुर्गी को रखना संभाल, मेरा मुर्गा हुआ है दीवाना... इस गाने में अपनी पड़ोसन को मजाकिया अंदाज में चेतावनी दे रहे थे।
लेकिन मध्य प्रदेश में मामला उलटा हो गया। अलीराजपुर जिले में एक मुर्गा अपनी पड़ोस की एक मुर्गी से प्यार हो गया। लेकिन इसको लेकर इतना बबाल हो गया कि मामला थाने तक पहुंच गया।
गांव का नाम है देकाकुंड। सोमवार सुबह जगलिया भील का पालतू मुर्गा गलती से पड़ोसी ज्ञान सिंह भील की प्रॉपर्टी में घुस आया। ज्ञान सिंह की पालतू मुर्गी भी वहीं घूम रही थी। दोनों करीब आ गए।
अपनी मुर्गी को किसी और के मुर्गे से संबंध बनाते देख ज्ञान सिंह गुस्सा हो गया। उसने मुर्गे को सबक सिखाने की ठानी। गुस्से से लाल ज्ञान सिंह वापस घर गया और घर का बना तीर-धनुष उठा लाया और मुर्गे पर तीर चला दिया।
जब मुर्गे के मालिक जगलिया ने यह देखा तो वह दंग रह गया। वह तीर से घायल हुए मुर्गे को लेकर जोबट पुलिस स्टेशन पहुंच गया जहां उसने ज्ञान सिंह के खिलाफ एफआईआर लिखवा दी। इसके बाद मुर्गे को अस्पताल ले जाया गया।
जोबट थाने के इंचार्ज आशा आर वर्मा ने बताया कि उन्होंने ज्ञान सिंह भील के खिलाफ आईपीसी की धारा 427 के तहत केस दर्ज किया है और मुर्गे को ट्रीटमेंट के लिए भेज दिया गया है। कोई शरारतपूर्र्ण काम जिससे किसी का 50 रूपये तक का नुकसान हो, धारा 427 के तहत आता है।
मुर्गे के शरीर में लगा तीर निकालने से पहले डॉक्टर को उसकी हालत में सुधार के लिए इंतजार करना पड़ा. अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि अगर तुरंत तीर निकाल दिया जाता तो मुर्गे का बहुत ज्यादा खून बह सकता था और उसकी मौत भी हो सकती थी। कुछ समय बाद मुर्गे की हालत में सुधार आया। उसके शरीर से तीर निकाल दिया गया और उसे वापस उसके मालिक को सौंप दिया गया।
लेकिन मध्य प्रदेश में मामला उलटा हो गया। अलीराजपुर जिले में एक मुर्गा अपनी पड़ोस की एक मुर्गी से प्यार हो गया। लेकिन इसको लेकर इतना बबाल हो गया कि मामला थाने तक पहुंच गया।
गांव का नाम है देकाकुंड। सोमवार सुबह जगलिया भील का पालतू मुर्गा गलती से पड़ोसी ज्ञान सिंह भील की प्रॉपर्टी में घुस आया। ज्ञान सिंह की पालतू मुर्गी भी वहीं घूम रही थी। दोनों करीब आ गए।
अपनी मुर्गी को किसी और के मुर्गे से संबंध बनाते देख ज्ञान सिंह गुस्सा हो गया। उसने मुर्गे को सबक सिखाने की ठानी। गुस्से से लाल ज्ञान सिंह वापस घर गया और घर का बना तीर-धनुष उठा लाया और मुर्गे पर तीर चला दिया।
जब मुर्गे के मालिक जगलिया ने यह देखा तो वह दंग रह गया। वह तीर से घायल हुए मुर्गे को लेकर जोबट पुलिस स्टेशन पहुंच गया जहां उसने ज्ञान सिंह के खिलाफ एफआईआर लिखवा दी। इसके बाद मुर्गे को अस्पताल ले जाया गया।
जोबट थाने के इंचार्ज आशा आर वर्मा ने बताया कि उन्होंने ज्ञान सिंह भील के खिलाफ आईपीसी की धारा 427 के तहत केस दर्ज किया है और मुर्गे को ट्रीटमेंट के लिए भेज दिया गया है। कोई शरारतपूर्र्ण काम जिससे किसी का 50 रूपये तक का नुकसान हो, धारा 427 के तहत आता है।
मुर्गे के शरीर में लगा तीर निकालने से पहले डॉक्टर को उसकी हालत में सुधार के लिए इंतजार करना पड़ा. अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि अगर तुरंत तीर निकाल दिया जाता तो मुर्गे का बहुत ज्यादा खून बह सकता था और उसकी मौत भी हो सकती थी। कुछ समय बाद मुर्गे की हालत में सुधार आया। उसके शरीर से तीर निकाल दिया गया और उसे वापस उसके मालिक को सौंप दिया गया।
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