नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तानी के सैन्य संचालन महानिदेशकों ने मंगलवार को वाघा सीमा पर बहुप्रतीक्षित बातचीत की जिसमें नियंत्रण रेखा पर शांति और संघर्ष विराम कायम रखने के मुद्दों पर विचार किया गया। वाघा में पाकिस्तान की ओर हुई इस बातचीत में भारतीय सेना के सैन्य संचालन महानिदेशक लेफ्टीनेंट जनरल विनोद भाटिया ने अगुवाई की और उनके साथ एक ब्रिगेडियर और कर्नल रैंक के तीन अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल मौजूद था।
पाकिस्तान की ओर से भी इसी रैंक के चार अधिकारियों का नेतृत्व उनके सैन्य संचालन महानिदेशक मेजर जनरल आमिर रियाज ने किया। सैन्य स्तर पर इस बातचीत की सहमति दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच सितंबर में न्यूर्याक में हुई द्विपक्षीय बैठक में हुई थी लेकिन नियंत्रण रेखा की घटनाओं के अलावा पाकिस्तान में सेना प्रमुख बदलने तक के विभिन्न कारणों को लेकर यह वार्ता नहीं हो पा रही थी।
नवंबर और दिसंबर में घुसपैठ लगभग शून्य पर आने और संघर्ष विराम का उल्लंघन नहीं होने के बाद इस बातचीत की जमीन तैयार हुई थी। इससे पहले नवंबर में पाकिस्तान के प्रधानंमत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा एवं विदेशी मामलों पर सलाहकार ने सैन्य संचालन महानिदेशकों की बातचीत शीघ्र होने की बात कही थी। समझा जाता है कि भारत ने पाकिस्तान की ओर से होने वाले संघष्ाü विराम के बार बार उल्लंघन पर अपना कड़ा विरोध जताया। नवंबर में घुसपैठ के तीन और दिसंबर में सात प्रयास हुए और इनमें से सिर्फ एक कोशिश ही कामयाब हो पाई थी।
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