नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के विचारों से प्रेरित होकर एक युवा सांसद ने गुरूवार को कांग्रेस पार्टी छोड़ कर आम आदमी पार्टी(आप) का दामन थाम लिया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को आदर्श मानने वाली पार्टी की यह सांसद युवा नेता अलका लाम्बा हैं। अल्का लाम्बा के अनुसर पिछले 15 सालों में दिल्ली की राजनीति में कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा था लेकिन उनकी बात पार्टी ने नहीं सुनी और उसने आखिर अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुनी और कांग्रेस को अलविदा कह दिया।
अल्का लाम्बा 12 दिन पहले तक राहुल गांधी के विचारों से सहमत थी। और लाम्बा का कांग्रेस छोड़ आप से जुड़ने के पीछे भी राहुल के विचार ही माने जा रहे हैं।
दरअसल, लाम्बा ने 14 दिसम्बर को उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था कि "राहुल गांधी ने सही ही कहा है,कि हमें "आप" से सीखना चाहिए ओर नये आदमी या नई पार्टी से सीखने से आदमी "छोटा" नही हो जाता,बल्कि कुछ सीखता ही है, कई मयानों में "आप" ने राजनीति को "देखने" ओर "करने" के तरीकों को बदला है, ओर इस की शुरूवात भारत की राजधानी दिल्ली से हो इस से बेहतर ओर क्या हो सकता था.. अब "आप" को भी आरोपों से हट कर अपनी जिमेदारियों को निभाने के लिए आगे आना चाहिए .. जय हिंद !"
राहुल ने नहीं दिया लाम्बा को समय
अलका लाम्बा ने कांग्रेस छोड़ने के बाद एक बातचीत में कहा है कि उन्होंने दिल्ली में पार्टी की स्थिति पर बात करने के लिए राहुल गांधी से मिलने की ईच्छा जताई थी, लेकिन राहुल ने समय नहीं दिया।
कांग्रेस ने नहीं सुनी, नहीं दिया कोई पद
लाम्बा के अनुसार उसने वर्षो तक कांग्रेस के लिए काम किया लेकिन वह कभी एक कार्यकर्ता से आगे नहीं बढ़ सकी। उसे पार्टी ने दिल्ली में कोई पद नहीं दिया। बकौल लाम्बा, इसके लिए उन्होंने आला अधिकारियों को लिखित में भी दिया लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। आखिर अंतरआत्मा की सुनी और कांग्रेस को अलविदा कर दिया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को आदर्श मानने वाली पार्टी की यह सांसद युवा नेता अलका लाम्बा हैं। अल्का लाम्बा के अनुसर पिछले 15 सालों में दिल्ली की राजनीति में कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा था लेकिन उनकी बात पार्टी ने नहीं सुनी और उसने आखिर अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुनी और कांग्रेस को अलविदा कह दिया।
अल्का लाम्बा 12 दिन पहले तक राहुल गांधी के विचारों से सहमत थी। और लाम्बा का कांग्रेस छोड़ आप से जुड़ने के पीछे भी राहुल के विचार ही माने जा रहे हैं।
दरअसल, लाम्बा ने 14 दिसम्बर को उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था कि "राहुल गांधी ने सही ही कहा है,कि हमें "आप" से सीखना चाहिए ओर नये आदमी या नई पार्टी से सीखने से आदमी "छोटा" नही हो जाता,बल्कि कुछ सीखता ही है, कई मयानों में "आप" ने राजनीति को "देखने" ओर "करने" के तरीकों को बदला है, ओर इस की शुरूवात भारत की राजधानी दिल्ली से हो इस से बेहतर ओर क्या हो सकता था.. अब "आप" को भी आरोपों से हट कर अपनी जिमेदारियों को निभाने के लिए आगे आना चाहिए .. जय हिंद !"
राहुल ने नहीं दिया लाम्बा को समय
अलका लाम्बा ने कांग्रेस छोड़ने के बाद एक बातचीत में कहा है कि उन्होंने दिल्ली में पार्टी की स्थिति पर बात करने के लिए राहुल गांधी से मिलने की ईच्छा जताई थी, लेकिन राहुल ने समय नहीं दिया।
कांग्रेस ने नहीं सुनी, नहीं दिया कोई पद
लाम्बा के अनुसार उसने वर्षो तक कांग्रेस के लिए काम किया लेकिन वह कभी एक कार्यकर्ता से आगे नहीं बढ़ सकी। उसे पार्टी ने दिल्ली में कोई पद नहीं दिया। बकौल लाम्बा, इसके लिए उन्होंने आला अधिकारियों को लिखित में भी दिया लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। आखिर अंतरआत्मा की सुनी और कांग्रेस को अलविदा कर दिया।
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