जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का काफिला भी अब आम वाहनों की तरह चौराहों पर लालबत्ती होने पर रूकने लगा है। ऎतिहासिक जीत के बाद दूसरी बार राज्य की मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद राजधानी जयपुर की कायापलट करने के निर्देश देने के बाद सोमवार को लाल बत्ती पर रूककर राजे ने यह जता दिया कि उनके शासन में आम जनता को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
राजे ने दिल्ली से लौटने पर हवाईअड्डे से अपने सरकारी आवास जाते समय बी2 बाईपास चौराहे पर लालबत्ती होने पर अपने काफिले को रोक दिया। इसके बाद होटल कलार्क्स आमेर, जवाहर कला केन्द्र केन्द्र और गांधी नगर मोड़ पर भी लाल बत्ती होने पर राजे का काफिला आम राहगीरो की तरह रूका। मुख्यमंत्री का काफिला बाइस गोदाम पुलिया के बाद राममंदिर चौराहे पर पहुंचा तो ट्राफिक नियमों का पालन करते हुए सर्किल का चक्कर लगाकर आगे बढ़ा जबकि इससे पहले चौराहों पर मुख्यमंत्री का काफिला गलत दिशा से गुजरता आया हैं।
उल्लेखनीय है कि राजे ने मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही कह दिया था कि उनके काफिले की वजह से ट्राफिक व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे आम लोगों को परेशानी होती हैं। राजे ने राहगीरों का ज्यादा समय जाया नहीं हो इसके लिए उन्होंने अपना काफिला भी छोटा कर दिया हैं। राजे की इस सोच के कारण अब राजधानी में उनके गुजरने पर लोगों को न तो करीब 20 मिनट तक रूकना पडेगा और न ही यातायत प्रभावित होगा। यह पहला मौका है कि किसी मुख्यमंत्री ने आम लोगों की दिक्कतों को पहचानकर ऎसा कदम उठाया हैं।
राजे ने गत तेरह दिसम्बर को मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद जयपुर शहर के सौन्दर्यकरण को गंभीरता से लिया और शीघ्र अधिकारियों को शहर की साफ सफाई, सड़कों, डिवाइडरों आदि की मरम्मत के निर्देश दे दिए जिससे अधिकारियों में खलबली मच गई और मुख्यमंत्री के सचिव तन्मय कुमार ने रविवार को शहर के सौंदर्यकरण. रोड लाईट, पार्किंग, कचरा परिवहन की उचित व्यवस्था, साफ सफाई एवं सड़कों को दुरूस्त करने के लिए एक बैठक लेकर संबंधित अधिकारियों को इन कार्यो को प्राथमिकता से करने तथा इसमें कोई कोताही नहीं बरतने के आदेश दिए। इतना ही नहीं इस बैठक में मानसरोवर जोन आयुक्त नीलिमा तक्षक के नहीं आने को भी गंभीरता से लिया गया और उन्हें शीघ्र एपीओ कर यह जता दिया कि नई सरकार जनता के लिए बहुत कुछ करना चाहती हैं।
राजे ने दिल्ली से लौटने पर हवाईअड्डे से अपने सरकारी आवास जाते समय बी2 बाईपास चौराहे पर लालबत्ती होने पर अपने काफिले को रोक दिया। इसके बाद होटल कलार्क्स आमेर, जवाहर कला केन्द्र केन्द्र और गांधी नगर मोड़ पर भी लाल बत्ती होने पर राजे का काफिला आम राहगीरो की तरह रूका। मुख्यमंत्री का काफिला बाइस गोदाम पुलिया के बाद राममंदिर चौराहे पर पहुंचा तो ट्राफिक नियमों का पालन करते हुए सर्किल का चक्कर लगाकर आगे बढ़ा जबकि इससे पहले चौराहों पर मुख्यमंत्री का काफिला गलत दिशा से गुजरता आया हैं।
उल्लेखनीय है कि राजे ने मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही कह दिया था कि उनके काफिले की वजह से ट्राफिक व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे आम लोगों को परेशानी होती हैं। राजे ने राहगीरों का ज्यादा समय जाया नहीं हो इसके लिए उन्होंने अपना काफिला भी छोटा कर दिया हैं। राजे की इस सोच के कारण अब राजधानी में उनके गुजरने पर लोगों को न तो करीब 20 मिनट तक रूकना पडेगा और न ही यातायत प्रभावित होगा। यह पहला मौका है कि किसी मुख्यमंत्री ने आम लोगों की दिक्कतों को पहचानकर ऎसा कदम उठाया हैं।
राजे ने गत तेरह दिसम्बर को मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद जयपुर शहर के सौन्दर्यकरण को गंभीरता से लिया और शीघ्र अधिकारियों को शहर की साफ सफाई, सड़कों, डिवाइडरों आदि की मरम्मत के निर्देश दे दिए जिससे अधिकारियों में खलबली मच गई और मुख्यमंत्री के सचिव तन्मय कुमार ने रविवार को शहर के सौंदर्यकरण. रोड लाईट, पार्किंग, कचरा परिवहन की उचित व्यवस्था, साफ सफाई एवं सड़कों को दुरूस्त करने के लिए एक बैठक लेकर संबंधित अधिकारियों को इन कार्यो को प्राथमिकता से करने तथा इसमें कोई कोताही नहीं बरतने के आदेश दिए। इतना ही नहीं इस बैठक में मानसरोवर जोन आयुक्त नीलिमा तक्षक के नहीं आने को भी गंभीरता से लिया गया और उन्हें शीघ्र एपीओ कर यह जता दिया कि नई सरकार जनता के लिए बहुत कुछ करना चाहती हैं।
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