जयपुर। नकली घी प्रकरण में पुलिस पर लगे दाग की सफाई शुरू कर दी गई है। डीजीपी ओमेन्द्र भारद्वाज ने रविवार को 16 पुलिस अधिकारियों के तबादले कर दिए। इन सभी पर नकली घी कारोबारी दिनेश सिंघल से मिलीभगत का आरोप है। हालांकि, इनकी भूमिका की पुष्टि एसीबी जांच में होगी। सभी को नॉन-फील्ड में लगाया गया है। इन 16 की लिस्ट में दो एडिशनल एसपी, तीन डीएसपी, सात इंस्पेक्टर, तीन सब इंस्पेक्टर और एक हैड कांस्टेबल शामिल हैं। कुछ दिन बाद एक और लिस्ट आ सकती है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) जांच में भूमिका तय होने पर और पुलिस अधिकारियों को हटाया जाएगा।
अभी फेहरिस्त लंबी
इतने ही और अधिकारियों पर कार्रवाई होनी तय है। अभी सिर्फ उन्हीं को हटाया है, जिनकी भूमिका साफ नजर आ रही है। एसीबी की जांच आगे बढ़ने के साथ यह फेहरिस्त लंबी होती जाएगी।
इनका हुआ तबादला
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
राजेन्द्र कुमार शर्मा सीआईडी (सीबी) से आरएसी नई दिल्ली
अवनीश कुमार शर्मा राजसमंद से आरएसी धौलपुर
उप अधीक्षक
वीरेन्द्र कुमार मीना एसीपी (जयपुर यातायात) से एम.बी.सी. खैरवाड़ा
वासुदेव सिंह शिवगंज सिरोही से आरएसी नई दिल्ली
मुंशीलाल ए.टी.एस. से पी.टी.एस. झालावाड़
पुलिस निरीक्षक
महेश शर्मा को सीआईडी से
झालावाड़
चैन सिंह माहेचा कोटा रेंज से बांसवाड़ा
राजेश वर्मा अजमेर रेंज से धौलपुर
रोहित चावला जयपुर ट्रै. से भरतपुर
सोहेल राजा जेडीए से जैसलमेर
अशोक बुटोलिया सीआईडी से जोधपुर आयुक्त कार्यालय
किशोर बुटोलिया एसओजी से भरतपुर
उप निरीक्षक
बजरंग लाल आमेर से भरतपुर
गंगासिंह कानोता थाने से प्रतापगढ़
भगवानाराम नगर निगम से उदयपुर
हैड कांस्टेबल
राजवीर जालूपुरा थाने से जोधपुर आयुक्त कार्यालय
क्या है मामला
एसीबी ने सिंघल को गिरफ्तार कर घोटाले का खुलासा किया था। सिंघल के फूड इंस्पेक्टरों के साथ पुलिस कांस्टेबल से लेकर बड़े अधिकारियों तक से संपर्क थे। नकली घी के कारखाने खोलने के लिए अधिकारी उसकी सिफारिश करते थे। सिंघल व अन्य के बीच मोबाइल पर हुई बातचीत रिकार्डिग में यह खुलासा हुआ। इसमें थाना स्तर के अलावा आरपीएस व एक आईपीएस अधिकारी का नाम भी चर्चा में है।
बैठक के बाद आदेश
भारद्वाज ने ये आदेश डीजी एसीबी अजीत सिंह से बैठक के बाद दिए। दो दिन पहले ही पुलिस मुख्यालय में दोनों की लंबी बातचीत हुई थी। उसके बाद से ही इस कार्रवाई की संभावना जताई जा रही थी।
कोटपूतली थानाधिकारी को हटाया
कोटपूतली थानाधिकारी लक्ष्मीनारायण सैनी को हटा उन्हें डूंगरपुर भेज दिया गया है। सैनी के खिलाफ मिलीभगत कर जमीन पर कब्जा कराने के मामले में एसीबी में प्राथमिकी दर्ज है।
पुलिस और फूड इंस्पेक्टर करते थे निगरानी
नकली घी कारोबारी दिनेश सिंघल का विश्वकर्मा में नकली घी का कारोबार था। पुलिस और फूड इंस्पेक्टर की कार्रवाई से बचने के लिए जो भी उसके संपर्क में आता उसे गुर्गा बना लेता। पुलिस और फूड इंस्पेक्टर उसके नकली घी के कारोबार पर पर्दा डाले हुए थे। सिंघल आला अधिकारियों से खुद के संपर्क बता, पुलिस व अन्य महकमों में तबादले भी कराया करता था। एसीबी ने मुखबिर से सूचना मिलने के बाद चार माह तक दिनेश सिंघल का मोबाइल सर्विलांस पर रखा था। इसमें एसीबी में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों सहित अन्य पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मियों से उसके संपर्क सामने आए थे।
अवनीश कुमार
सिंघल ने एसीबी को बताया कि अवनीश उसके पुराने दोस्त हैं। दोनों में अच्छे सम्पर्क हैं।
वीरेन्द्र कुमार मीना मुरलीपुरा सहित जयपुर में कई थानों में इंचार्ज रहे, तभी से सिंघल से अच्छे सम्बंध थे।
वासुदेव निवाई में स्क्रेप मामले में 16 सीसी की चार्जशीट मिली। सिंघल की मदद से ही आला अधिकारियों से मिलकर चार्जशीट फाइल करवाई। सिंघल के एसीबी में पकड़े जाने के बाद भी वे उससे मिलने पहंुचे।
महेश शर्मा आमेर में एनआरआई से रिश्वत मामले में एसीबी से सिंघल के माध्यम से जानकारी जुटाई। उनके चक्कर में एसीबी के पुलिसकर्मी भी गिरफ्तार हुए।
चैनसिंह विश्वकर्मा में इंचार्ज बनने के दौरान सिंघल के सम्पर्क में आए। भूमिका की जांच एसीबी कर रही है।
राजेश वर्मा, अशोक बुटोलिया, किशोर टोंक व कोटा में पोस्टिंग के दौरान सिंघल के सम्पर्क में आए। अधिकारियों व सिंघल के बीच की कड़ी।
सोहेल राजा जेडीए से हटाए जाने के दौरान सिंघल से तबादले के लिए सम्पर्क में थे। उनके कहने पर थानेदारों के भी तबादले करवाए।
बजरंग एसीबी में सिंघल संग पकड़ा गंगासिंह पुलिस की स्पेशल टीम में शामिल रहे। उस दौरान दिनेश सिंघल के खास बने।
हैड कांस्टेबल राजवीर स्पेशल व डीएसबी शाखा में तैनाती के दौरान सिंघल के मददगार। अब खुद के तबादले के लिए सम्पर्क में थे।
अभी फेहरिस्त लंबी
इतने ही और अधिकारियों पर कार्रवाई होनी तय है। अभी सिर्फ उन्हीं को हटाया है, जिनकी भूमिका साफ नजर आ रही है। एसीबी की जांच आगे बढ़ने के साथ यह फेहरिस्त लंबी होती जाएगी।
इनका हुआ तबादला
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
राजेन्द्र कुमार शर्मा सीआईडी (सीबी) से आरएसी नई दिल्ली
अवनीश कुमार शर्मा राजसमंद से आरएसी धौलपुर
उप अधीक्षक
वीरेन्द्र कुमार मीना एसीपी (जयपुर यातायात) से एम.बी.सी. खैरवाड़ा
वासुदेव सिंह शिवगंज सिरोही से आरएसी नई दिल्ली
मुंशीलाल ए.टी.एस. से पी.टी.एस. झालावाड़
पुलिस निरीक्षक
महेश शर्मा को सीआईडी से
झालावाड़
चैन सिंह माहेचा कोटा रेंज से बांसवाड़ा
राजेश वर्मा अजमेर रेंज से धौलपुर
रोहित चावला जयपुर ट्रै. से भरतपुर
सोहेल राजा जेडीए से जैसलमेर
अशोक बुटोलिया सीआईडी से जोधपुर आयुक्त कार्यालय
किशोर बुटोलिया एसओजी से भरतपुर
उप निरीक्षक
बजरंग लाल आमेर से भरतपुर
गंगासिंह कानोता थाने से प्रतापगढ़
भगवानाराम नगर निगम से उदयपुर
हैड कांस्टेबल
राजवीर जालूपुरा थाने से जोधपुर आयुक्त कार्यालय
क्या है मामला
एसीबी ने सिंघल को गिरफ्तार कर घोटाले का खुलासा किया था। सिंघल के फूड इंस्पेक्टरों के साथ पुलिस कांस्टेबल से लेकर बड़े अधिकारियों तक से संपर्क थे। नकली घी के कारखाने खोलने के लिए अधिकारी उसकी सिफारिश करते थे। सिंघल व अन्य के बीच मोबाइल पर हुई बातचीत रिकार्डिग में यह खुलासा हुआ। इसमें थाना स्तर के अलावा आरपीएस व एक आईपीएस अधिकारी का नाम भी चर्चा में है।
बैठक के बाद आदेश
भारद्वाज ने ये आदेश डीजी एसीबी अजीत सिंह से बैठक के बाद दिए। दो दिन पहले ही पुलिस मुख्यालय में दोनों की लंबी बातचीत हुई थी। उसके बाद से ही इस कार्रवाई की संभावना जताई जा रही थी।
कोटपूतली थानाधिकारी को हटाया
कोटपूतली थानाधिकारी लक्ष्मीनारायण सैनी को हटा उन्हें डूंगरपुर भेज दिया गया है। सैनी के खिलाफ मिलीभगत कर जमीन पर कब्जा कराने के मामले में एसीबी में प्राथमिकी दर्ज है।
पुलिस और फूड इंस्पेक्टर करते थे निगरानी
नकली घी कारोबारी दिनेश सिंघल का विश्वकर्मा में नकली घी का कारोबार था। पुलिस और फूड इंस्पेक्टर की कार्रवाई से बचने के लिए जो भी उसके संपर्क में आता उसे गुर्गा बना लेता। पुलिस और फूड इंस्पेक्टर उसके नकली घी के कारोबार पर पर्दा डाले हुए थे। सिंघल आला अधिकारियों से खुद के संपर्क बता, पुलिस व अन्य महकमों में तबादले भी कराया करता था। एसीबी ने मुखबिर से सूचना मिलने के बाद चार माह तक दिनेश सिंघल का मोबाइल सर्विलांस पर रखा था। इसमें एसीबी में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों सहित अन्य पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मियों से उसके संपर्क सामने आए थे।
अवनीश कुमार
सिंघल ने एसीबी को बताया कि अवनीश उसके पुराने दोस्त हैं। दोनों में अच्छे सम्पर्क हैं।
वीरेन्द्र कुमार मीना मुरलीपुरा सहित जयपुर में कई थानों में इंचार्ज रहे, तभी से सिंघल से अच्छे सम्बंध थे।
वासुदेव निवाई में स्क्रेप मामले में 16 सीसी की चार्जशीट मिली। सिंघल की मदद से ही आला अधिकारियों से मिलकर चार्जशीट फाइल करवाई। सिंघल के एसीबी में पकड़े जाने के बाद भी वे उससे मिलने पहंुचे।
महेश शर्मा आमेर में एनआरआई से रिश्वत मामले में एसीबी से सिंघल के माध्यम से जानकारी जुटाई। उनके चक्कर में एसीबी के पुलिसकर्मी भी गिरफ्तार हुए।
चैनसिंह विश्वकर्मा में इंचार्ज बनने के दौरान सिंघल के सम्पर्क में आए। भूमिका की जांच एसीबी कर रही है।
राजेश वर्मा, अशोक बुटोलिया, किशोर टोंक व कोटा में पोस्टिंग के दौरान सिंघल के सम्पर्क में आए। अधिकारियों व सिंघल के बीच की कड़ी।
सोहेल राजा जेडीए से हटाए जाने के दौरान सिंघल से तबादले के लिए सम्पर्क में थे। उनके कहने पर थानेदारों के भी तबादले करवाए।
बजरंग एसीबी में सिंघल संग पकड़ा गंगासिंह पुलिस की स्पेशल टीम में शामिल रहे। उस दौरान दिनेश सिंघल के खास बने।
हैड कांस्टेबल राजवीर स्पेशल व डीएसबी शाखा में तैनाती के दौरान सिंघल के मददगार। अब खुद के तबादले के लिए सम्पर्क में थे।
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