मंगलवार, 19 नवंबर 2013

जाट राजपूत के नए ध्रुवीकरण कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता हें बाड़मेर में

जाट राजपूत के नए ध्रुवीकरण कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता हें बाड़मेर में




बाड़मेर थार कि राजनीती के भीष्मपितामह कहे जाने वाले कद्दावर जाट नेता गंगाराम चौधरी कि दो साल पहले बिछाई चुनावी चौसर इन विधानसभा चुनावो में अपना असर दिखने लगी हें। लम्बे समय बाद बाड़मेर कि राजनीती में जाट राजपूत राजनितिक ध्रुवीकरण ने बाड़मेर कि सियासी चल बदल दी। इस ध्रुवीकरण ने कांग्रेस कि नींद उड़ा ली हें।

जाट राजपूत ध्रुवीकरण। . राजपूत बाड़मेर में डॉ प्रियंका चौधरो को और शिव में जात मानवेन्द्र सिंह को समर्थन देंगे याज नया समीकरण बेठा हें ,इस पेक में दोनों समाजो ने स्वीकार कर एक दूसरे के पक्ष में खुल कर सामने आने से कांग्रेस कि दिक्कते बढ़ा गई।

बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने वर्त्तमान विधायक मेवाराम जैन को टिकट दे कर प्रत्यासी बनाया हे तो भाजपा ने पूर्व राजस्व मंत्री गंगाराम चौधरी कि पोटरी डॉ प्रियंका चौधरी को उम्मीदवार बनाया वाही शिव में भाजपा के पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह प्रत्यासी हें। जाट राजपूत प्रत्यासी होने से राजनीती के नए समीकरणों का आगाज़ हुआ ,जाट मानवेन्द्र और राजपूत डॉ प्रियंका चौधरी को जितने कि कमान सम्भाले हें। डॉ प्रियंका चौधरी के समर्थन में राजपूत रावणा राजपूत मतदाताओ का खुल कर सामने आना राजनीती के नए ध्रवीकरण कि कहानी का साबुत हें ,डॉ प्रियंका कि कमान राजनीती से दूर समाज सेवी उद्यमी तन सिंह चौहान ने थामी हें ,तन सिंह चौहान के प्रियंका के साथ खुलकर समर्थन में आगे आने से राजपूत समाज और रावण राजपूत समाज प्रियंका के पक्ष में लामबंद हो गया वाही तन सिंह के प्रभाव के अन्य समाजो का व्यापक स्तर पर प्रियंका के पक्ष में आने से कांग्रेस के तोते उड़ गए ,प्रियंका चौधरी को अपने स्वजाति वोट थोक में मिलाने के साथ अन्य समाजो का भरपूर समर्थन मिलाने से भाजपा मस्त हें वाही भाजपा कि मस्ती से कांग्रेस पस्त होती जा रही हें ,पांच साल विधायक रहे मेवाराम जैन कार्यकर्ताओ कि कमी से तो झुंझ ही रहे हें उनके लिए आयोजित हो रही समर्थन बैठको में समर्थको कि उपस्थिति सामान्य से कही कम होने से समर्थको में निराशा का भाव हें ,मेवाराम जैन कि चौकड़ी ने मेवाराम के राजनितिक भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया। मेवाराम जैन पांच साल के विधायकी काल में द्वेष भावना से लोगो कि खिलाफत और आर्थिक नुक्सान करते रहे जिसका परिणाम हुआ कि उनके प्रभावशाली समर्थक जिन्होंने उन्हें जिताया आज उनके खिलाफ हो गए ,मेवाराम जैन के विकास कार्यो का मुद्दा गौण हो गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कि लोक लुभावन सरकारी योजनाओ का कोई असर नहीं दिख रहा


बाड़मेर विधानसभा के प्रारंभिक दौर में कांग्रेस प्रत्यासी भाजपा से काफी पीछे हें। चुनावी सभा से लेकर जनसम्पर्क और बैठको तक में काफी पीछे हें। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा मंगलवार को प्रस्तावित आम सभा को रद्द करने से भी तरह तरह कि चर्चाए सामने आ रही हें।

2 टिप्‍पणियां:

  1. iske sath hi shiv main muslim meghwal gathbandan mil jane se amin sab ko bhi din mein tare dikharahe h.amin sab ki aam muslim logo ki andekhi bhut bhari pad rahi h kuch chamcho ne krodo kma liye per poore panch sal tak aam logo ki smsyao ka dher ab barud ban kar khan ki sta ko bikher rahi h.

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