सोमवार, 11 नवंबर 2013

त्वरित टिपणी बाड़मेर जैसलमेर में राजपूतो कि अनदेखी कांग्रेस को भारी पड़ेगी

त्वरित टिपणी बाड़मेर जैसलमेर में राजपूतो कि अनदेखी कांग्रेस को भारी पड़ेगी
जनक सिंह भाटी ने छोड़ी कांग्रेस 


बाड़मेर कांग्रेस द्वारा सरहदी जिले बाड़मेर जैसलमेर के राजपूतो कि अनदेखी अब कांग्रेस को भारी पड़ती दिख रही हें ,बाड़मेर जैसलमेर राजपूत रावणा राजपूत बाहुल्य क्षेत्र हें जहां नौ विधानसभा क्षेत्र हें जंहा सिवाना और जैसलमेर पूर्ण रूप से राजपूत बाहुल्य हें। कांग्रेस लम्बे समय से जैसलमेर से कांग्रेस प्रत्यासी के तौर पर राजपूत उम्मीदवार उतरती आई हें छह बार राजपूत उम्मीदवार जीते भी इस बार सुनीता भाटी प्रबल दावेदार थे इसके अलावा जनक सिंह भाटी ,दिनेशपाल सिंह ,उम्मैद सिंह तंवर ,अशोक सिंह तंवर भी टिकट कि दौड़ में थे। मगर गाज़ी फ़क़ीर परिवार जैसलमेर से राजपूतो को टिकट दिलाने में दिलचस्पी लेने कि बजाय सेवानिवृत अभियंता रूपाराम धनदे को टिकट दिलाने में रूचि दिखा रहे थे ,राजपूत बाहुल्य क्षेत्र में सामान्य सीट पर अनुसूचित जाती का उम्मीदवार उतारने से कांग्रेस में बवाल मचा गया ,इसी बीच आज वरिष्ठ कांग्रेस नेता जनक सिंह भाटी ने अपने सेकड़ो समर्थको के साथ कांग्रेस छोड़ कांग्रेस को पहला झटका दे दिया ,जनक सिंह जैसलमेर से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ चुके हें 2003 में। फ़क़ीर परिवार कि चलो के आगे कांग्रेस नतमस्तक हो गई ,राजपूत उम्मीदवारो कि अनदेखी कर रूपराम को टिकट देकर भारी गलती कि जिसका खामियाजा सांसद चुनावो में भुगतना पडेगा ,साथ ही बाड़मेर जैसलमेर के पांच लाख राजपूत मतदाताओ के बेरुखी भी झेलनी पड़ेगी ,कांग्रेस के इस कदम से जैसलमेर और बाड़मेर के राजपूत कांग्रेस के खिलाफ लामबंद हो गए जिसका फायदा भाजपा को मिलाना तय हें।

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