नई दिल्ली। जगदगुरू कृपालु जी महाराज का गुडगांव के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 91 साल के थे। कृपालु महाराज ने सुबह सात बजकर पांच मिनट अंतिम सांस ली।
कृपालु महाराज जगदगुरू कृपालु परिषद के संस्थापक संरक्षक थे। उन्होंने हिन्दू धर्म की शिक्षा और योग के लिए भारत में चार और अमरीका में एक केन्द्र की स्थापना की थी। वाराणसी की काशी विद्धत परिषद ने कृपालु महाराज को 34 साल की आयु में मकर संक्रांति 14 जनवरी 1957 को जगदगुरू की उपाधि प्रदान की थी।
उनके निधन का समाचार मिलते ही उनके लाखों भक्तों में शोक की लहर छा गई। मालूम हो कि बीते दिनों वे उत्तरप्रदेश में प्रतापगढ़ जिले के मनगढ़ आश्रम की छत से गिरकर जख्मी हुए थे और अभी अस्पताल में भर्ती रहे। जख्मी होने के बाद कोमा की हालत में चले गए कृपालु महाराज का गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल में उपचार चल रहा था।
फोर्टिस अस्पताल की प्रवक्ता तनुश्री ने भी कृपालु महाराज के निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि कृपालु महाराज को सोमवार रात को अस्पताल लाया गया था। छत से गिरने के कारण उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया था।
कृपालु महाराज ने वृंदावन में भक्तों के लिए भगवान कृष्ण व राधा का प्रेम मंदिर बनवाया है। खास बात रही कि प्रेम मंदिर निर्माण में 11 साल का समय लगा। मंदिर राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 1,000 शिल्पकारों ने कड़ी मेहनत से बनाया। इसमें सफेद इतालवी संगमरमर इस्तेमाल हुआ है।
कृपालु महाराज जगदगुरू कृपालु परिषद के संस्थापक संरक्षक थे। उन्होंने हिन्दू धर्म की शिक्षा और योग के लिए भारत में चार और अमरीका में एक केन्द्र की स्थापना की थी। वाराणसी की काशी विद्धत परिषद ने कृपालु महाराज को 34 साल की आयु में मकर संक्रांति 14 जनवरी 1957 को जगदगुरू की उपाधि प्रदान की थी।
उनके निधन का समाचार मिलते ही उनके लाखों भक्तों में शोक की लहर छा गई। मालूम हो कि बीते दिनों वे उत्तरप्रदेश में प्रतापगढ़ जिले के मनगढ़ आश्रम की छत से गिरकर जख्मी हुए थे और अभी अस्पताल में भर्ती रहे। जख्मी होने के बाद कोमा की हालत में चले गए कृपालु महाराज का गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल में उपचार चल रहा था।
फोर्टिस अस्पताल की प्रवक्ता तनुश्री ने भी कृपालु महाराज के निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि कृपालु महाराज को सोमवार रात को अस्पताल लाया गया था। छत से गिरने के कारण उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया था।
कृपालु महाराज ने वृंदावन में भक्तों के लिए भगवान कृष्ण व राधा का प्रेम मंदिर बनवाया है। खास बात रही कि प्रेम मंदिर निर्माण में 11 साल का समय लगा। मंदिर राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 1,000 शिल्पकारों ने कड़ी मेहनत से बनाया। इसमें सफेद इतालवी संगमरमर इस्तेमाल हुआ है।
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