नई दिल्ली
रविवार को साउथ दिल्ली में कांग्रेस की रैली में उस वक्त अजीब हालात पैदा हो गए जब लोग कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण के बीच में ही वहां से उठकर जाने लगे। रैली खत्म होने से पहले ही लोगों को उठकर जाता देख राहुल के साथ मौजूद दिल्ली की सीएम शीला दीक्षित ने हालात को संभालने की कोशिश की। उन्होंने लोगों से आग्रह किया, 'अभी मत जाइये, 10 मिनट राहुल गांधी को सुन कर जाइए।' लेकिन लोगों के ऊपर शीला की अपील का कोई असर नहीं पड़ा और उनके जाने का सिलसिला बना रहा।
राहुल गांधी की दिल्ली में दूसरी चुनावी रैली भी फीकी रही। दक्षिणपुरी की रैली में बमुश्किल मैदान में लगी कुर्सियां भर पाईं। इस रैली में राहुल ने अपना भाषण महज साढ़े छह मिनट में खत्म कर दिया। उनके भाषण में सिर्फ दिल्ली सरकार की उपलब्धियां गिनाने के अलावा कोई नई बात नजर नहीं आई। वह जब भाषण दे रहे थे, तभी लोगों ने उठकर जाना शुरू कर दिया। लोग जा ही नहीं रहे थे, बल्कि बीच में खड़े भी हो गए थे। शायद यह नजारा देखकर राहुल ने इतनी जल्दी अपनी बात खत्म कर दी।
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने हालांकि किसी भी आयोजक से अपना गुस्सा जाहिर नहीं किया, लेकिन उनके चेहरे से नाराजगी साफ दिखाई दे रही थी। इससे पहले मंगोलपुरी में हुई रैली में भीड़ काफी कम थी और काफी लोग पीछे से उठकर चल दिए थे।
आयोजकों ने लोगों को सुबह 9 बजे से बुलाया हुआ था, लेकिन करीब पौने दो बजे के आसपास राहुल गांधी यहां पहुंचे। कांग्रेस उपाध्यक्ष का इंतजार करते प्रदेश प्रभारी शकील अहमद, अध्यक्ष जेपी अग्रवाल और कभी मंच पर तो कभी नीचे खड़े होकर शीला दीक्षित भी नजर आईं। ग्राउंड पर तेज धूप के कारण भी लोग परेशान हो गए थे। राहुल गांधी के बोलने से पहले ही लोगों के जाने का सिलसिला शुरू हो गया था। हालांकि, लंबे इंतजार के बाद राहुल का भाषण सिर्फ सात मिनट सुनने को मिला।
राहुल गांधी की दिल्ली में दूसरी चुनावी रैली भी फीकी रही। दक्षिणपुरी की रैली में बमुश्किल मैदान में लगी कुर्सियां भर पाईं। इस रैली में राहुल ने अपना भाषण महज साढ़े छह मिनट में खत्म कर दिया। उनके भाषण में सिर्फ दिल्ली सरकार की उपलब्धियां गिनाने के अलावा कोई नई बात नजर नहीं आई। वह जब भाषण दे रहे थे, तभी लोगों ने उठकर जाना शुरू कर दिया। लोग जा ही नहीं रहे थे, बल्कि बीच में खड़े भी हो गए थे। शायद यह नजारा देखकर राहुल ने इतनी जल्दी अपनी बात खत्म कर दी।
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने हालांकि किसी भी आयोजक से अपना गुस्सा जाहिर नहीं किया, लेकिन उनके चेहरे से नाराजगी साफ दिखाई दे रही थी। इससे पहले मंगोलपुरी में हुई रैली में भीड़ काफी कम थी और काफी लोग पीछे से उठकर चल दिए थे।
आयोजकों ने लोगों को सुबह 9 बजे से बुलाया हुआ था, लेकिन करीब पौने दो बजे के आसपास राहुल गांधी यहां पहुंचे। कांग्रेस उपाध्यक्ष का इंतजार करते प्रदेश प्रभारी शकील अहमद, अध्यक्ष जेपी अग्रवाल और कभी मंच पर तो कभी नीचे खड़े होकर शीला दीक्षित भी नजर आईं। ग्राउंड पर तेज धूप के कारण भी लोग परेशान हो गए थे। राहुल गांधी के बोलने से पहले ही लोगों के जाने का सिलसिला शुरू हो गया था। हालांकि, लंबे इंतजार के बाद राहुल का भाषण सिर्फ सात मिनट सुनने को मिला।
जवाब देंहटाएंभाषण सुनकर जाइये, पूरी करिये साध |
एक घरी आधी घरी, आधी की भी आध |
आधी की भी आध, विराजे हैं शहजादे |
करिये वाद-विवाद, किन्तु सुनिये ये वादे |
शीला कहे पुकार, जानती यद्यपि कारण |
जाने को सरकार, फर्क डाले क्या भाषण ||