मंगलवार, 22 अक्तूबर 2013

प्याज सेंचुरी के करीब पहुंच रूला रहा है, पर सरकार नीरो की बंसी बजा रही है



नई दिल्ली: एक बार फिर प्याज सबको रूला रहा है. सरकार नीरो की तरह बंसी बजा रही है. ऊपर से सरकार के नुमाइंदों की लापरवाही घाव पर नमक की तरह है.

देश प्याज के आंसू रो रहा है और प्याज की बढ़ती कीमतों के आगे सरकार बेबस दिख रही है. सरकार ने भी माना है कि जमाखोरी की वजह से प्याज के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं.

देश में प्याज अस्सी से 90 रुपये किलो तक बिक रहा है.

वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने मंगलवार को कहा कि प्याज की कीमतों को स्थिर करने के लिए सरकार प्याज का आयात कर सकती है. दिल्ली में प्याज की कीमत 90 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. एक समारोह के दौरान संवाददाताओं से बात करने हुए शर्मा ने इसके लिए जमाखोरों को जिम्मेदार ठहराया.

उन्होंने कहा, "यदि जरूरत हो और प्रस्ताव आए तो सरकार प्याज का आयात कर सकती है जिससे कीमतें स्थिर हों." बहरहाल, मंत्री ने जोर दिया कि देश में प्याज का पर्याप्त भंडार है.

उन्होंने उम्मीद जताई कि दिसंबर के अंत तक नई फसल आने के बाद प्याज के दामों में तेज गिरावट होगी.

दिल्ली में प्याज की कीमत 90 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है और देश के अन्य हिस्सों में उसकी कीमत 80 रुपये प्रति किलो है. पिछले चार महीनों में प्याज की कीमत दोगुनी हो गई है.

अब चलिए आपको एक नजर में बताते हैं कि कहां क्या है सब्जियों की कीमत.

दाम में कोई गिरावट नहीं. दिल्ली में सफल में सब्जियों के दाम .

आलू 18-44 रु/किलो बिक रहा है.
प्याज 60-68 रु/किलो, बैंगन 58 रु/किलो.
लौकी 50 रु/किलो, बंदगोभी 56 रु/किलो.
करेला 46 रु/किलो, टमाटर 44 रु/किलो.
शिमला मिर्च 80 रु/किलो बिक रही है.

इसके बाद फुटकर विक्रेताओं तक पहुंचते-पहुंचते सब्जियों की कीमतों में आग लग जाती है.

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