बुधवार, 16 अक्तूबर 2013

हेमाराम को गुढ़ामालानी से बायतू या बाड़मेर भेजा सकता है

९ कैबिनेट, 13 राज्य मंत्रियों के नाम टिकट कटने वाली सूची में

 हेमाराम को गुढ़ामालानी से बायतू या बाड़मेर भेजा सकता है


विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण के लिए दिल्ली में हो रही कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक मंगलवार को दूसरे दिन पूरी हुई तो राज्य सरकार के ९ कैबिनेट, 13 राज्य मंत्रियों तथा ज्यादातर विधायकों को लेकर नकारात्मक फीडबैक आया। सिर्फ तीन मंत्री ही ऐसे माने गए, जिनकी जीत को लेकर सकारात्मक रुझान रहा है। इनमें राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी, शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल और उद्योग मंत्री राजेंद्र पारीक हैं। बाकी सभी के बारे में नकारात्मक फीडबैक है। हेमाराम को गुढ़ामालानी से बायतू भेजा सकता है। यह उनका गृह क्षेत्र बताया जाता है। कर्नल सोनाराम को कहां भेजा जाएगा, इस पर स्थिति साफ नहीं है। पंचायतीराज मंत्री महेंद्रजीतसिंह मालवीय की जगह उनकी पत्नी का नाम सबसे ऊपर है।

चाणक्यपुरी स्थित हरियाणा स्टेट गेस्ट हाउस में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चंद्रभान एआईसीसी परिसर में प्रदेशभर से आए टिकटार्थियों और उनके समर्थकों से मिले तो वहां भी 'साब, ओ मंत्री तो हारैलो, थां तो ई नूवंै छोरै ने टिकट द्यो, जीत री गारंटी म्हारी!' के जुमले साफ सुनाई दिए।
ज्यादातर विधायकों के बारे में पार्टी कार्यकर्ता इसी तरह मुखर होकर बोल रहे हैं। ऐसे में संकेत दिया गया है कि जिला मुख्यालयों या अन्य प्रमुख सीटों पर छात्र राजनीति से निकले या युवक कांग्रेस के चुनावों से निकले युवाओं पर दांव खेला जाए। जाट, राजपूत और मीणा बहुल इलाकों में इन्हीं जातियों के उम्मीदवारों को अहमियत देने तथा बाकी इलाकों में इन्हीं जातियों के खिलाफ ध्रुवीकरण वाले उम्मीदवार उतारने पर भी विचार हुआ। 

मदेरणा, मलखान और रामलाल का क्या होगा? 

महिपाल मदेरणा की पत्नी लीला मदेरणा का नाम ओसियां से तय है, जबकि मलखान के परिवार से तीन नाम हैं। इनमें मलखान की मां अमरीदेवी, भाई की पत्नी कुसुम और बेटे के नाम हैं। इनमें सबसे ऊपर नाम अमरीदेवी का है। मांडल से रामलाल जाट का नाम है। हटाए गए मंत्रियों में प्रमोद जैन भाया का भी टिकट तय है। लेकिन भरोसीलाल जाटव को लेकर दुविधा है।

झुंझुनूं क्षेत्र में ओला की तो अलवर में जितेंद्रसिंह की राय सबसे ऊपर

राहुल-सोनिया देंगे सूची को अंतिम रूप

सीटों पर चर्चा शुरू हुई तो अलवर में भंवर जितेंद्रसिंह तो झुंझुनूं में केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला की राय को सबसे ज्यादा तवज्जो दी गई। इसीलिए नवलगढ़ सीट पर चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार शर्मा को टिकट नहीं दिया जा रहा। इस सीट पर ओला की ओर से पूर्व विधायक प्रतिभासिंह का नाम है। ओला के बेटे और राज्य मंत्री ब्रिजेंद्र ओला का नाम भी झुंझुनूुं सीट से एक ही है। डॉ. राजकुमार शर्मा के सामने प्रस्ताव है कि वे चाहें तो आमेर या किसी अन्य ब्राह्मण सीट से उनके भाई और राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष राजपाल शर्मा के नाम पर विचार कर सकते हैं। बताया गया कि ओला को उदयपुरवाटी से राजेंद्र गुढ़ा और खेतड़ी से डॉ. जितेंद्रसिंह के नामों पर कोई आपत्ति नहीं है। सूरजगढ़ से श्रवणकुमार का नाम लगभग तय है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि स्क्रीनिंग कमेटी हर सीट को लेकर अपनी राय फाइनल करेगी। केंद्रीय चुनाव समिति के पास जाने से पहले पूरी सूची पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पास जाएगी। वहां इसे फाइनल कर सोनिया गांधी के पास भेजा जाएगा। वे ही इसे अंतिम रूप देंगी। यह काम इस महीने के आखिरी सप्ताह तक होने की संभावना है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान ने बैठक के बाद बताया कि प्रदेश की सभी 200 सीटों पर स्क्रीनिंग का काम पूरा कर लिया है। अगली बैठक 17 और 18 अक्टूबर को होगी। इसके बाद सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।

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