नई दिल्ली. पटना में नरेंद्र मोदी की 'हुंकार रैली' के दिन रविवार को हुए आठ धमाकों के पीछे इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के आतंकी तहसीन अख्तर और वकास का नाम सामने आ रहा है। बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला 23 साल का तहसीन आईएम के शीर्ष आतंकियों में एक बताया जाता है। यह भी बताया जाता है कि उसका संबंध बिहार के एक राजनीतिक परिवार से है। तकी अख्तर और तहसीन में चाचा-भतीजे का रिश्ता है। हालांकि, वह तहसीन से रिश्तों को हमेशा नकारते रहे हैं।
तकी समस्तीपुर में जेडीयू के सक्रिय नेता हैं और पार्टी के जिला अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इस संबंध में दैनिक भास्कर डॉट कॉम ने जेडीयू के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद कलाम से बात की तो उन्होंने कहा कि तकी अख्तर नाम का कोई भी नेता हमारी पार्टी में नहीं है। इसके बाद तकी अख्तर से संपर्क साधा तो उन्होंने तहसीन के संबंध में सवाल पूछे जाने पर छूटते ही कहा कि मेरे पास फालतू बातों के लिए वक्त नहीं है और फोन काट दिया। इसके बाद कई बार फोन किए जाने के बाद भी उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।
तकी अख्तर और तहसीन के रिश्ते के बारे में हमने समस्तीपुर के एसपी चंद्रिका प्रसाद से भी बात की। इस बारे में एसपी प्रसाद ने कहा- तकी और तहसीन को लेकर फिलहाल कोई जांच नहीं चल रही है। एनआईए टीम कर रही या नहीं, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। यह पूछने पर कि क्या ये दोनो रिश्तेदार हैं? एसपी ने कहा कि इसकी भी मुझे जानकारी नहीं है।
दरभंगा में डेरा डाले हुए था पाकिस्तानी आतंकी वकास
तकी समस्तीपुर में जेडीयू के सक्रिय नेता हैं और पार्टी के जिला अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इस संबंध में दैनिक भास्कर डॉट कॉम ने जेडीयू के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद कलाम से बात की तो उन्होंने कहा कि तकी अख्तर नाम का कोई भी नेता हमारी पार्टी में नहीं है। इसके बाद तकी अख्तर से संपर्क साधा तो उन्होंने तहसीन के संबंध में सवाल पूछे जाने पर छूटते ही कहा कि मेरे पास फालतू बातों के लिए वक्त नहीं है और फोन काट दिया। इसके बाद कई बार फोन किए जाने के बाद भी उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।
तकी अख्तर और तहसीन के रिश्ते के बारे में हमने समस्तीपुर के एसपी चंद्रिका प्रसाद से भी बात की। इस बारे में एसपी प्रसाद ने कहा- तकी और तहसीन को लेकर फिलहाल कोई जांच नहीं चल रही है। एनआईए टीम कर रही या नहीं, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। यह पूछने पर कि क्या ये दोनो रिश्तेदार हैं? एसपी ने कहा कि इसकी भी मुझे जानकारी नहीं है।
10 लाख का इनाम है तहसीन पर
तहसीन बिहार और झारखंड में आतंकी गतिविधियों की कमान संभालता है। बेहद सामान्य से दिखने वाले तहसीन पर 10 लाख रुपए का इनाम है। वह 2006 के वाराणसी ब्लास्ट, 2011 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट और 2013 में हैदराबाद के दिलसुखनगर बम ब्लास्ट में भी वांटेड है। बिहार पुलिस सूत्रों का कहना है कि मोदी की रैली से पहले गांधी मैदान और पटना के अन्य स्थानों पर बम प्लांट करने के पीछे तहसीन ही था। नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) के मुताबिक, तहसीन बहुरूपिया है। उसे ज्यादातर पर्यटन स्थलों पर देखा गया है। वह गाइड बनकर रेकी करने में भी माहिर है। तहसीन इंटरनेट कैफे में काफी समय बिताता है और जाली कागजात देकर नए सिम कार्ड खरीदने में भी माहिर है
दरभंगा में डेरा डाले हुए था पाकिस्तानी आतंकी वकास
पटना धमाकों के लिए आईएम पिछले कई महीनों से तैयारी कर रहा था। धमाकों की साजिश रचने वालों में तहसीन के अलावा वकास उर्फ अहमद का भी नाम सामने आ रहा है। वकास को यासीन भटकल का दाहिना हाथ बताया जाता है। अगस्त में भटकल की गिरफ्तारी से पहले ही पाकिस्तानी नागरिक वकास ने बिहार में डेरा डाल दिया था। सूत्रों का कहना है कि वकास दरभंगा में ही टिका हुआ था।
एनआईए को शक है कि वकास और उसके साथी विस्फोट के बाद पटना में ही कहीं छिपे हैं। वकास के बारे में बताया जाता है कि वह बम बनाने में माहिर है। वह इंडियन मुजाहिदीन के लड़ाकों को बम बनाना भी सिखाता है। वकास का नाम हैदराबाद ब्लास्ट में भी सामने आया था। वकास पर एनआईए ने 10 लाख रुपए का इनाम रखा है। वह 2011 के मुंबई धमाकों और 2013 में हुए हैदराबाद ब्लास्ट में भी शामिल था।
एनआईए को शक है कि वकास और उसके साथी विस्फोट के बाद पटना में ही कहीं छिपे हैं। वकास के बारे में बताया जाता है कि वह बम बनाने में माहिर है। वह इंडियन मुजाहिदीन के लड़ाकों को बम बनाना भी सिखाता है। वकास का नाम हैदराबाद ब्लास्ट में भी सामने आया था। वकास पर एनआईए ने 10 लाख रुपए का इनाम रखा है। वह 2011 के मुंबई धमाकों और 2013 में हुए हैदराबाद ब्लास्ट में भी शामिल था।
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