गुरुवार, 17 अक्टूबर 2013

जीजा से शादी की तो नहीं बन पाई जज

बेंगलूरू। अगर कोई उस व्यक्ति से शादी करता है जिसकी पहले से पत्नी है तो उसका जज बनने का सपना अधूरा रह जाएगा। कर्नाटक में एक महिला इसलिए जज नहीं बन पाई क्योंकि उसने अपने जीजा से शादी कर ली थी।

राधारानी ने एग्जाम में हासिल की 41 वीं रैंक
जीजा से शादी की तो नहीं बन पाई जज
सिविल जज के लिए 232 उम्मीदवार चयनित हुए। इसमें 33 साल की राधारानी माधव कोलांबे ने 41 वीं रैंक हासिल की लेकिन उसे इसलिए अयोग्य करार दे दिया गया क्योंकि उसने अपने जीजा से शादी कर ली जिनकी पहले से पत्नी थी। राधारानी को बताया गया कि उन्होंने कर्नाटक सिविल सर्विस(सामान्य रिक्रटमेंट)के नियम 5(2) का उल्लंघन किया है। नियम कहता है कि अगर कोई उस पुरूष से शादी करता है जिसकी पहले से पत्नी है तो वह अयोग्य करार दिया जाएगा।

न्यायाधीश एन.वेणुगोपाल गौड़ा ने अपने फैसले में कहा कि राधारानी ने अपनी शादी की तारीख के वक्त और शादी के लंबे समय बाद तक इस बात से इनकार किया कि उसे अपने पति के पहली और दूसरी शादी की जानकारी नहीं थी। उसने इस बात से इनकार नहीं किया कि उसकी बहन की शादी उसी व्यक्ति से हुई और वह अभी भी उसके साथ रह रही है। ऎसे में सरकार को उसके सिविल जज के दावे को खारिज करने का पूरा अधिकार है।
जीजा से शादी की तो नहीं बन पाई जज
जीजा ने पहले भी की थी शादी

राधारानी की गोपाला बी पाटिल से 2003 में शादी हुई थी। दोनों के एक लड़का भी है। पाटिल ने पहले शोभा बी लगाडे से शादी की थी,जिससे तीन बच्चे भी हुए। कुछ वक्त बाद पाटिल और शोभा का तलाक हो गया। इसके बाद पाटिल ने मथुरा से शादी की जो राधारानी की बड़ी बहन है। मथुरा और पाटिल के तीन बच्चे हैं। मथुरा अभी भी पाटिल के साथ रह रही है।

दोनों टेस्ट में पास हुई थी राधारानी

2006 में सरकार ने सिविल जज की पोस्ट के लिए आवेदन मांगे और इसके लिए अधिसूचना जारी की। पोस्ट के लिए पे स्केल 9 हजार से 14 हजार 500 रूपए थी। राधारानी दोनों एग्जाम(लिखित और वाइवा वोके टेस्ट) में सफल हुई। जब 232 चयनित उम्मीदवारों की सूची जारी की गई तो उसमें राधारानी की 41 वीं रैंक थी।

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