शिवपुरी।"है जो अयात कुरान की, तू ही गीता का भी श्लोक है, तेरी बाइबिल में है जो लिखा वो ही वेदों की भी है जुबां..." किसी शायर की ये पंक्तियां बताती हैं कि धर्म का भेदभाव सिर्फ इंसान की उपज है भले ही जन्म के कारण मजहब जुदा हो सकते हैं पर इंसान और इंसानियत एक हैं।
इसी जज्बे को शिवपुरी के छोटे से कस्बे मगरौनी के निजामपुर में रहने वाले जहीर खान उर्फ कुट्टा बचपन से ही आत्मसात कर चुके हैं। जन्म मुस्लिम परिवार में हुआ लेकिन अधिकांश दोस्त हिन्दू परिवारों से हैं, सो कभी मजहब का भेद समझा ही नहीं। यही कारण रहा कि जहीर खान ने कभी मंदिर और मस्जिद में अंतर नहीं जाना।
अब तक 12 ज्योतिर्लिगों के दर्शन कर चुके जहीर चार बार बाबा बर्फानी यानी अमरनाथ की यात्रा भी कर चुके हैं। जहीर अब हिन्दू धर्म के सबसे बडे धार्मिक पाठ में गिने जाने वाले श्रीमद् भागवत सप्ताह का आयोजन करने जा रहे हैं इसके लिए उसके साथ सजातीय दोस्तोें के अलावा हिन्दू दोस्त भी तैयारियां में जुटे हैं।
मैं हिन्दुस्तानी हूं
जहीर भागवत सप्ताह के तहत आयोजित कलश यात्रा, गणेश पूजन, भागवत पूजन सहित हवन पूर्णाहुति व भंडारे को लेकर आमंत्रण के पर्चे आसपास के क्षेत्र में बांट रहा है।
पर्चे में जहीर ने उल्लेखित किया है कि मैं एक हिन्दुस्तानी नागरिक हूूं, मैं चाहता हूं कि देश व विश्व में हिन्दू तथा मुस्लिमों की एकता की एक मिसाल कायम हो। जहीर का मित्र कमलेश मिश्रा ने कहा कि जहीर और हम मित्र हैं बचपन से ही हमने सभी धर्मो का समान रूप से आदर किया है। उसने अब भागवत सप्ताह के आयोजन की इच्छा जाहिर की है। जिसमें सभी लोग सहयोग कर रहे हैं।
परिजनों का भी साथ
जहीर अमरनाथ से लेकर 12 ज्योतिर्लिगों के अलावा कई हिन्दू, सिख एवं अन्य धर्मो के धर्मिक स्थलों की यात्रा कर चुके हैं। भागवत कथा के आयोजन में भी परिजन पूरा सहयोग कर रहे हैं।
...ताकि कायम रहे अमन और भाईचारा
जहीर की मानें तो भागवत सप्ताह के आयोजन से समाज और देश का कल्याण होता है। वेदों में भी इसका उल्लेख है। यही कारण है कि उन्होने 17 नवंबर से 24 नवंबर तक मगरौनी के खेड़ापति माता मंदिर में भागवत कथा के आयोजन का मन बनाया है, जिसम
ें वृंदावन के आचार्य रविकृष्ण गौतम कथा का पाठ करेंगे।
इसी जज्बे को शिवपुरी के छोटे से कस्बे मगरौनी के निजामपुर में रहने वाले जहीर खान उर्फ कुट्टा बचपन से ही आत्मसात कर चुके हैं। जन्म मुस्लिम परिवार में हुआ लेकिन अधिकांश दोस्त हिन्दू परिवारों से हैं, सो कभी मजहब का भेद समझा ही नहीं। यही कारण रहा कि जहीर खान ने कभी मंदिर और मस्जिद में अंतर नहीं जाना।
अब तक 12 ज्योतिर्लिगों के दर्शन कर चुके जहीर चार बार बाबा बर्फानी यानी अमरनाथ की यात्रा भी कर चुके हैं। जहीर अब हिन्दू धर्म के सबसे बडे धार्मिक पाठ में गिने जाने वाले श्रीमद् भागवत सप्ताह का आयोजन करने जा रहे हैं इसके लिए उसके साथ सजातीय दोस्तोें के अलावा हिन्दू दोस्त भी तैयारियां में जुटे हैं।
मैं हिन्दुस्तानी हूं
जहीर भागवत सप्ताह के तहत आयोजित कलश यात्रा, गणेश पूजन, भागवत पूजन सहित हवन पूर्णाहुति व भंडारे को लेकर आमंत्रण के पर्चे आसपास के क्षेत्र में बांट रहा है।
पर्चे में जहीर ने उल्लेखित किया है कि मैं एक हिन्दुस्तानी नागरिक हूूं, मैं चाहता हूं कि देश व विश्व में हिन्दू तथा मुस्लिमों की एकता की एक मिसाल कायम हो। जहीर का मित्र कमलेश मिश्रा ने कहा कि जहीर और हम मित्र हैं बचपन से ही हमने सभी धर्मो का समान रूप से आदर किया है। उसने अब भागवत सप्ताह के आयोजन की इच्छा जाहिर की है। जिसमें सभी लोग सहयोग कर रहे हैं।
परिजनों का भी साथ
जहीर अमरनाथ से लेकर 12 ज्योतिर्लिगों के अलावा कई हिन्दू, सिख एवं अन्य धर्मो के धर्मिक स्थलों की यात्रा कर चुके हैं। भागवत कथा के आयोजन में भी परिजन पूरा सहयोग कर रहे हैं।
...ताकि कायम रहे अमन और भाईचारा
जहीर की मानें तो भागवत सप्ताह के आयोजन से समाज और देश का कल्याण होता है। वेदों में भी इसका उल्लेख है। यही कारण है कि उन्होने 17 नवंबर से 24 नवंबर तक मगरौनी के खेड़ापति माता मंदिर में भागवत कथा के आयोजन का मन बनाया है, जिसम
ें वृंदावन के आचार्य रविकृष्ण गौतम कथा का पाठ करेंगे।
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