रविवार, 6 अक्तूबर 2013

सुशील मोदी का नीतीश कुमार पर ट्वीट बम, दिखाए चारा घोटाले के डॉक्यूमेंट



चारा घोटाले की आंच नीतीश कुमार तक पहुंचाने में बीजेपी ने पूरी ताकत लगा दी है. रविवार को सुशील मोदी ने एक के बाद एक चार ट्वीट किए और बताने की कोशिश की कि चारा घोटाले में केवल पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ही नहीं, वर्तमान सीएम नीतीश के हाथ भी रंगे हुए हैं. नीतीश कुमार के साथ ही जेडीयू नेता शिवानंद तिवारी का नाम भी साफ-साफ अंडरलाइन किया गया है.
सुशील मोदी
रविवार को बीजेपी नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने चार पेज शेयर करते हुए बताया कि ये इकबालिया बयान चारा घोटाले के किंगपिन श्याम बिहारी सिन्हा (S B Sinha) का है, जिससे साफ होता है कि नीतीश कुमार को एक करोड़ रुपये पहुंचाए गए थे. बता दें कि एसबी सिन्हा का निधन हो चुका है.

जो डॉक्यूमेंट सुशील मोदी ने शेयर किया है उसके मुताबिक एसबी सिन्हा ने अपने बयान में कहा है- 'उमेश सिंह ने दिल्ली में मुझसे संपर्क किया और बताया कि मार्च 1995 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश जी कुछ पैसा मांगा है. उमेश ने बताया कि एक करोड़ रुपये की मांग आई है. मैं रांची लौटा और बाकी के कमेटी मेंबर्स के साथ इस मसले पर बात की. कमेटी को लगा कि 1995 के चुनावों में समता पार्टी एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरने वाली है. तभी नीतीश कुमार समता पार्टी के एक मजबूत नेता के तौर पर उभर रहे थे. कमेटी ने श्री नीतीश कुमार को एक करोड़ रुपये देने का निर्णय लिया. कमेटी के फैसले के बाद मैं फिर दिल्ली लौटा और विजय कुमार मलिक से कहा कि वह उमेश सिंह को एक करोड़ रुपया दे दे, ताकि वह नीतीश कुमार को दिया जा सके. (यहां जहां नीतीश कुमार लिखा है, वहां नीतीश की जगह कुछ और नाम था, जिसे बाद में पेन से काटकर नीतीश किया गया है.) यह नवंबर या दिसंबर की बात है कि विजय मलिक ने उमेश सिंह को नई दिल्ली में एक करोड़ रुपये दे दिए. जब मैं अपनी तीसरी ट्रिप के दौरान दिल्ली में था, तब श्री नीतीश कुमार ने टेलीफोन से पुष्टि की कि उमेश सिंह आए थे और उनके मिले थे...'

इसी बयान में शिवानंद तिवारी का जिक्र भी हुआ है. श्याम बिहारी सिन्हा ने बयान में कहा- 'नवंबर 1994 में मैं दिल्ली में था. तब उमेश सिंह मेरे पास आए और मुझे शिवानंद तिवारी के पास ले गए, जो करोलबाग के होटल खिला हाउस में ठहरे हुए थे. वहां शिवानंद तिवारी ने 50 लाख रुपये की मांग की.'


उसके बाद तय किया गया कि तिवारी को 40 लाख रुपये दिए जाएंगे. बयान में है- 'त्रिपुरारी मोहन प्रसाद ने मुझे 40 लाख रुपये शिवानंद तिवारी को देने का निर्देश दिया. नवंबर 1994 में ही यह रकम अदा की गई. त्रिपुरारी मोहन प्रसाद ने बाद में कन्फर्म किया कि उसने 30 से 35 लाख रुपये शिवानंद तक पहुंचाने के लिए उमेश सिंह को दिए...'

इन्हीं डॉक्यूमेंट्स में उमेश सिंह का बयान भी है. उमेश ने बयान में कहा- '...शिवानंद तिवारी नरम नहीं पड़े. फिर वे चले गए. बाद में उसी दिन, एसबी सिन्हा के कहने पर विजय मलिक के भाई ने चार लाख रुपये शिवानंद तिवारी को देने के लिए मरीन होटल में मुझे सौंपे, मैं पटना लौटा और शिवानंद तिवारी के घर में जाकर उसे पैसे सौंप दिए.'


 

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